प्रादेशिक
क्या ये वाकई प्यार का बंधन है? रेपिस्ट आसाराम की तस्वीर पर कैलाश विजयवर्गीय ने क्यों चढ़ाया फूल?
इंदौर। वर्तमान राजनीति सिद्दांतों से इतर स्वार्थ का प्रतिफल बनती जा रही है, तभी तो बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे आसाराम बापू से जुड़े कार्यक्रम में पहुंचे। इतना ही नहीं उन्होंने आसाराम बापू की तस्वीर पर फूल भी चढ़ाया और ‘यह बंधन तो प्यार का बंधन है’ गीत भी गाया। इसके बाद सवाल उठना लाजिमी था और उठा भी कि चुनावी मौसम में एक रेपिस्ट की तस्वीर पर कैलाश विजयवर्गीय फूल क्यों चढ़ा रहे हैं?
दरअसल, इंदौर की नरसिंह वाटिका में आसाराम बापू से जुड़ी एक समिति के आयोजन में पहुंचे थे। उन्होंने साजिंदों की ताल पर ‘यह तो प्यार का बंधन है’ गीत भी गाया । इस कार्यक्रम में आसाराम बापू की बड़ी सी तस्वीर भी लगी हुई थी। इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल हो गया है और इस पर तरह-तरह की चर्चाएं भी आरंभ हो गई।
कैलाश विजयवर्गीय का गला सुरीला माना जाता है, और वह कार्यक्रमों में भजन और गीत गाने में पीछे नहीं हटते। जनता भी इसे बहुत इंजॉय करती है लेकिन दुष्कर्म के दो मामलों में राजस्थान के जोधपुर जेल में सजा काट रहे आसाराम बापू से जुड़े कार्यक्रम में पहुंचने और गीत गाने को लेकर बहस छिड़ गई है। भजन के साथ-साथ वह एक तस्वीर पर फूल चढ़ाते दिख रहे हैं।
दरअसल, इंदौर के विधानसभा क्रमांक एक से बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के बाद वे कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के विरुद्ध मैदान में हैं। 1990 से 2013 तक अलग-अलग विधानसभाओं में छह चुनाव जीते कैलाश विजयवर्गीय अभी तक अजेय हैं। प्रत्याशी घोषित होने के बाद वह अपने जोरदार बयानों के लिए भी चर्चा में है। जहां-जहां वह अपने बयानों से बीजेपी समर्थकों में जान फूंक रहे हैं। वहीं, विपक्ष इसे उनका दंभ बता रहा है।
ऐसा नहीं है कि वह आसाराम से जुड़े कार्यक्रम में वे पिछले रास्ते से गए हैं। उन्होंने पूर्व में भी उनका समर्थन किया था। आसाराम पर आरोप लगने के बाद उन्होंने इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ होने की संभावना भी व्यक्त की थी। उनका साफ कहना था कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आसाराम के निशाने पर रहता था, इसलिए यह उनके खिलाफ साजिश भी हो सकती है।
हालांकि, आसाराम को सजा होने के पूर्व कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा था कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। कैलाश विजयवर्गीय की आदत रही है कि वह जिसका साथ देते हैं, खुलकर देते हैं। वे सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक परिणाम की परवाह न करते हुए व्यक्तिगत संबंधों को तरजीह देते हैं। इसी कड़ी में वह कई बाहुबलियों से भी संबंध बरकरार रखे हुए हैं।
जहां, आसाराम बापू से जुड़े कार्यक्रम में जाने पर लोगों ने उन पर तंज कसा है वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आसाराम बापू के पास सबसे ज्यादा नरेंद्र मोदी जाते थे, मैं भी जाता था लेकिन जो बातें सामने आई उसे पर आसाराम पर कानूनी कार्रवाई हुई है।
कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के मप्र में सर्वाधिक प्रभावी नेताओं में से एक हैं। उन्हें इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से चुनाव तो लड़ाया जा रहा है लेकिन पार्टी उनकी लोकप्रियता को मप्र भर में और खास तौर पर मालवा निमाड़ में जरूर भुनाएगी। जहां यह कार्यक्रम हुआ वहां सिंधी समाज ज्यादा प्रतिशत में नहीं है लेकिन इंदौर उज्जैन क्षेत्र में सिंधी समाज की बहुतायत है।
उनके इस कार्यक्रम में जाने से पहले से बीजेपी का समर्थक माने जाने वाला सिंधी समाज पार्टी के साथ जुड़ा रहेगा। दूसरे, वे अपने बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने के लिए जाने जाते हैं। इस वायरल वीडियो ने भी उन्हें फिर से चर्चा का विषय बना दिया है।
वहीं, अमित शाह के बेहद करीबी माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बनाए जाने के बाद बेहद कठिन माने जाने वाले राज्य पश्चिम बंगाल की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यहां भी उन्होंने बीजेपी के प्रदर्शन को काफी हद तक सुधारा था। कहने का तात्पर्य यह है कि वह जोखिम लेने से बिल्कुल भी नहीं हिचकते और यह क्वालिटी उन्हें जनता में लोकप्रिय बनाती है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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