उत्तर प्रदेश
ISI एजेंट रईस की बीवी शबा बोली- मेरा शौहर गद्दार, उसे सूली पर चढ़ा दो
गोंडा। यूपी के गोंडा से ATS की गिरफ्त में आए पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के एजेंट मोहम्मद रईस की बीवी शबा बानो ने कहा कि मेरा शौहर गद्दार निकल गया, उसे सूली पर चढ़ा दो। मुझे जरा भी अफसोस नहीं होगा। शबा बोली- बेवा की जिंदगी जी लूंगी, मगर ऐसे मर्द के साथ रहना तो दूर उसके बारे में सोचना भी गुनाहे-अजीम है।
शबा के निकाह को अभी दो माह ही हुए हैं। उसकी मेहंदी का रंग फीका जरूर पड़ गया है मगर महावर अब तक नहीं छूटा है। निकाह की यादें ताजा हैं।
तरबगंज थाना क्षेत्र के रामापुर दीनपुरवा से पकड़े गए रईस की पत्नी शबा बानो पति के देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के खुलासे से हतप्रभ है। उसने कहा कि शादी के अभी दो माह ही हुए थे, इसी बीच पति को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपों में एटीएस ने गिरफ्तार किया है।
जिस समय एटीएस ने रईस को घर से दबोचा, उस समय पत्नी भी घर में ही थी। गिरफ्तारी के दो दिन बाद मायके वाले शबा बानो को अपने घर कोमसाबाद उमरी बेगमगंज लेकर चले गए।
शबा ने बताया कि शादी तय करते समय उसके घर वालों से बताया गया था कि मोहम्मद रईस मुंबई के एक होटल में नौकरी करता है। शादी के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में रईस की गिरफ्तारी से पूरा परिवार सदमे में है।
शबा ने कहा- मैं अपने देश के साथ हूं। मुल्क से गद्दारी करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उसने कहा- रईस ने न सिर्फ देश के साथ बल्कि उसके साथ भी धोखा किया है। वह न तो कभी उसे माफ करेगी और न ही कोई दुआ मांगेगी।
पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद रईस को लेकर परिजन काफी चिंतित व परेशान हैं। देशविरोधी गतिविधियों में रईस के शामिल होने के बाद परिजनों में दुख के साथ ही आक्रोश भी है। रईस की करतूतों का परिणाम कहीं अन्य परिजन को न भुगतना पड़े, इसके लिए पिता मोहम्मद हुसैन उसे बेदखल करने की बात कह रहे हैं।
मोहम्मद हुसैन ने कहा कि करीब 60 साल की उम्र हो चुकी है। कुछ ही साल जीवन के बचे हैं। ऐसे में एक बेटे के देशविरोधी साजिशों में शामिल होने से बची हुई जिंदगी सुकून से नहीं जी सकेंगे। कहा कि मेरी परवरिश में कोई कमी नहीं रही, मगर मुंबई जाने पर रईस को आतंकियों ने जाल में फंसा लिया। मगर अब वह बेटे का साथ नहीं देंगे। वह पूरी निष्ठा से देश के साथ हैं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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