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J&K: जमात के कई ठिकानों पर रेड, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद; कई उपकरण जब्त

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NIA raids in 10 states in human trafficking case

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श्रीनगर। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ दर्ज एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की मदद से आज गुरुवार को कश्मीर घाटी में कई जगहों पर छापेमारी की।

एनआईए ने गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसरण में मामला दर्ज किया था। एनआइए ने कहा कि वर्ष 2019 में जमात-ए-इस्लामी पर अलगाववादी गतिविधियों को हवा देने के मामले में केस दर्ज किया गया था परंतु उसके बाद भी संगठन ने अपनी गतिविधियों को जारी रखा।

एनआइए ने अपने बयान में यह भी कहा कि संगठन के सदस्य देश और विदेश में विशेष रूप से जकात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में दान के माध्यम से और अन्य कल्याणकारी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा कर रहे हैं। इस धन का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं पर नहीं बल्कि हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

जमाज द्वारा जुटाए गए फंड को संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं व सदस्यों के सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और अन्य आतंकवादी संगठनों को भी भेजा जा रहा है।

जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के बोले-भाले युवाओं को बरगलाकर उन्हें अलगाववादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्हें कथित जेहाद के नाम पर आतंकी संगठनों में शामिल कर रहा है।

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी इलाके चिनार बाग पहरू निवासी फारूक अहमद भट पुत्र उर्फ ​​खाकी पुत्र मोहम्मद सादिक भट के घर में भी एनआइए की टीम ने छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि भट जमात-ए-इस्लामी बडगाम का जिला अध्यक्ष है।

इसके अलावा बडगाम जिले में ही एनआइए ने खुर्शीद सनाई पुत्र मोहम्मद शाबान निवासी फालचील खानसाहब और बिलाल अहमद मीर पुत्र गुलाम हसन निवासी हंजूरा के घरों में भी छापे मारे हैं। दोनों जमात के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं।

इसी तरह उत्तरी कश्मीर में चांदकूट करेरी निवासी हाफिजउल्लाह गनी पुत्र फाथा मोहम्मद गनी और सांगरी कॉलोनी बारामूला में रहने वाले शोएब मोहम्मद चूर पुत्र मोहम्मद अकबर के आवासों पर भी छापे मारे गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर घाटी में ही कई अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चलाया हुआ है। छापामारी की प्रक्रिया पूरी होने पर ही एजेंसी इस बारे में विस्तृत जानकारी देगी।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभी तक मारे गए छापों में एनआइए ने संदिग्धों के परिसरों से विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा टीम ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं। अभी छापेमारी की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रह सकती है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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