प्रादेशिक
यूपी की सभी जेलों में परंपरागत रूप से मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व
लखनऊ। डीजी जेल आनन्द कुमार द्वारा प्रदेश की सभी जेलों में जन्माष्टमी का पर्व परंपरागत रूप से पूरे जोशो खरोश और धूमधाम से मनाये जाने के आदेश प्रसारित किए गए हैं।
विदित हो कि श्री कृष्ण भगवान का जन्म कारागृह में हुआ था। अतः बंदीजन जेलों में जन्माष्टमी पर्व विशेष तैयारी और श्रद्धाभाव से मनाते हैं। वे व्रत रखते हैं, उनके द्वारा जेलों में की गई रंगबिरंगी रोशनी और सजाई गई खूबसूरत झांकियों की शोभा सबसे अलग होती है।
मध्यरात्रि में श्री कृष्ण जी के जन्म होते ही सम्पूर्ण कारागार में हर्षोउल्लास और श्रद्धा भाव का निराला दृश्य देखते ही बनता है। विगत वर्ष कोरोना की विभीषिका के चलते लगाए गए सम्पूर्ण लॉक डाउन की वजह से जेलों में जन्माष्टमी का त्योहार प्रतीकात्मक रूप में मनाया गया था।
इस वर्ष वर्तमान में कोविड का प्रकोप समाप्त प्रायः होने के दृष्टिगत जेलों में जन्माष्टमी पर्व मनाए जाने के निमित्त जारी शासनादेश के तहत रात्रि कोरोना कर्फ्यू में रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक की विशेष छूट कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाए जाने हेतु दी गयी है।
ऐसे में कारागारों में श्रद्धापूर्ण हर्षोल्लास से परिपूर्ण उत्सव का माहौल है। जेल प्रशासन इस पर्व के प्रति बन्दियों की विशेष श्रद्धा, लगाव और उत्साह को दृष्टिगत रखते हुए झांकी हेतु सजावट सामग्री, पूजा सामग्री, व्रत रखने वाले बन्दियों के लिए फल -फूल, प्रसाद और उपवास समाप्ति पर विशेष भोजन
खीर – पूड़ी आदि की व्यवस्था में जुटा हुआ है। वहीं रात्रि में त्यौहार की आड़ में सुरक्षा सम्बंधी किसी सम्भावित घटना से निपटने के लिए भी विशेष सुरक्षा प्रबंध और चौकसी के निर्देश दिए गए हैं। कुछ देर बाद से जेलों में की गयी शोभा और झांकियों से संबंधित तस्वीरें और वीडियो यहां उपलब्ध हो सकेंगे।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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