प्रादेशिक
जौनपुर गोली कांड: एसपी अजय पाल शर्मा ने थानाध्यक्ष को किया लाइन हाजिर, कई के खिलाफ विभागीय जांच
जौनपुर| जौनपुर के बदलापुर थाना क्षेत्र के ढेमा गांव में फायरिंग की घटना को एसपी अजय पाल शर्मा का पारा चढ़ गया है। अजय पाल शर्मा ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया है जबकि एक इन्स्पेक्टर, दरोगा और सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप की स्थिति है।
दरअसल बदलापुर थाना क्षेत्र के ढेमा गांव में मंगलवार की सुबह आबादी की जमीन को लेकर सगे चाचा भतीजे में मारपीट हो गई। मारपीट का मामला इतना बढ़ गया कि एक पक्ष ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली चला दी। जिसमें लाल साहब नामक शख्स को गोली लग गई।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ दूसरे थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। घटना की जांच के लिए पांच टीमें गठित कर दी गई हैं। इस मामले लापरवाही बरतने के आरोप में बदलापुर के थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जबकि एक इन्स्पेक्टर, दरोगा और सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं|
पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप की स्थित है। आपको बता दें कि अजय पाल शर्मा एक सख्त छवि के अधिकारी माने जाते हैं। आईपीएस अजय पाल शर्मा की पहली पोस्टिंग यूपी के सहारनपुर में हुई थी। आईपीएस अजय पाल शर्मा उस दौरान सुर्खियों में आ गए, जब वह रामपुर में तैनात थे। रामपुर में 6 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। आईपीएस अजय पाल शर्मा ने रेप के आरोपी को एनकाउंटर में अरेस्ट किया था। इस एनकाउंटर के बाद अजय पाल शर्मा को रियल सिंघम के नाम से लोग जानने लगे। कैराना में पलायन के लिए जिम्मेदार मुकीम काला गैंग की कमर भी अजय ने ही तोड़ी थी। उन्होने एक के बाद एक एनकाउंटर किए और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बन गए।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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