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उत्तर प्रदेश

शून्य से शिखर की यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के जीवन का सारः सीएम योगी

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम लखनऊ के पटेल पार्क, जीपीओ में उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि शून्य से शिखर की यात्रा प्रधानमंत्री मोदी जी के जीवन का सार है। संघर्षों से आगे बढ़कर उन्होंने अपना मार्ग बनाया है। जीवन की शुचिता, कर्मठता और ईमानदारी उनके जीवन का हिस्सा है। राष्ट्र के प्रति अगाध प्रेम और संपूर्ण समर्पण का भाव उनके जीवन का हिस्सा है। उन्होंने अपना सब कुछ भारत माता के चरणो में समर्पित किया है और इसीलिए पिछले दस वर्ष में हमने भारत को बदलते हुए देखा है। एक भारत जो आज दुनिया की एक बड़ी ताकत के रूप में उभरकर दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। एक ऐसा भारत जो अपनी आस्था का भी सम्मान कर रहा है और विकास और विरासत की यात्रा के साथ भारत की 140 करोड़ जनता जनार्दन की आशा और आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि विगत दस वर्षों में हमने एक नए भारत का दर्शन किया है और ये नया भारत प्रधानमंत्री मोदी जी जैसे सारथी के नेतृत्व में एक विकसित भारत की संकल्पना के साथ आगे बढ़ रहा हैं। स्वाभाविक रूप से इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी के संघर्षमय जीवन की गाथा को चित्रों के माध्यम से देखने और अवलोकन करने का अवसर हम सबको प्राप्त हो रहा है। इससे पहले, सीएम योगी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जहां उन्हें पीएम मोदी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को देखने का अवसर मिला। प्रदर्शनी में पीएम मोदी के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक और प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों को प्रदर्शित किया गया है।

प्राकृतिक आपदा हमारे मार्ग में बाधक नहीं बन सकती

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। प्रातःकालीन सत्र में वाराणसी में अनेक कार्यक्रमों में भाग लेन का अवसर प्राप्त हुआ। वहां रात्रिकालीन से ही मूसलाधार बारिश जारी है, लेकिन कार्यकर्ताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है। कोई भी प्राकृतिक आपदा हमारे मार्ग में बाधक नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि आज 17 सितंबर है, 25 सितंबर को अंत्योदय एकात्म मानव दर्शन के जनक पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती है और 2 अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पावन जयंती तक चलने वाले इस कार्यक्रम के साथ अनेक रचनात्मक अभियानों के साथ हमें जुड़ना होगा।

प्लास्टिक को पूरी तरह तिलांजलि दें

सीएम योगी ने कहा कि स्वच्छता प्रधानमंत्री मोदी जी के जीवन की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने स्वच्छता को महत्व दिया है और इसके लिए हम सबको भी अभियान चलाना होगा। हम सबको भी उसका हिस्सा बनना होगा। स्वच्छता के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया गया है और हमारा कर्तव्य है कि प्लास्टिक का उपयोग न करें। जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है, स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है उस प्लास्टिक को पूरी तरह तिलांजलि दें। स्वयं स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ जब हमारी भी भागीदारी होती है तो वह कार्यक्रम सफलता की नई ऊंचाइयों को छूता है। इस तरह के कार्यक्रम के साथ आम जनमानस की भागीदारी अनेक लोगों के लिए एक नई प्रेरणा होती है और विकास के नए मार्ग प्रशस्त करती है। स्वच्छ भारत मिशन उसी का एक हिस्सा है।

रचनात्मक कार्यों में हो हम सबकी सहभागिता

सीएम योगी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के साथ ही पर्यावरण के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भी उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड बनाया है। लगभग 36 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य हम लोगों ने अब तक पूरा किया है और पिछले साढ़े सात वर्ष में अकेले उत्तर प्रदेश ने 210 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण के बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। आज उसी का परिणाम दिखाई दे रहा है। तमाम अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए, पर्यावरण को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के द्वारा किए गए प्रयासों से खुद को जोड़ा है। परिणामस्वरूप जिन किसानों ने और इससे जुड़े हुए महानुभावों ने हमारे साथ रजिस्ट्रेशन कराया था, ऐसे लोगों के लिए 200 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए और उन्हें वितरित हुए। लगातार 25 हजार किसानों को ये धनराशि उपलब्ध हो रही है। ऐसे में यही कहूंगा कि इस पखवाड़े के दौरान अनेक प्रकार के जो रचनात्मक कार्यक्रम होने हैं चाहे वो स्वच्छता से जुड़े हुए हों, रक्तदान से जुड़ा हुआ हो, एक पेड़ मां के नाम से जुड़ा हुआ हो, पीएम विश्वकर्मा से जुड़ा हुआ हो, इन सभी कार्यक्रमों के साथ हम सबकी सहभागिता होनी चाहिए।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना,भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, सांसद संजय सेठ, विधायक योगेश शुक्ला, विधान परिषद के सदस्य मुकेश शर्मा, लालजी प्रसाद निर्मल, संतोष सिंह एवं कार्यक्रम के संयोजक संजय राय और भाजपा के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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