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वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी का गठन, जिसमें प्रियंका गांधी और अनुराग ठाकुर समेत 31 सांसद शामिल

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक साथ चुनाव कराने से जुड़े बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी को भेजेगी, जिसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, भाजपा के अनुराग सिंह ठाकुर और अनिल बलूनी सहित 31 सांसद शामिल हैं.

वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी का गठन

“एक राष्ट्र एक चुनाव” बिल के लिए जेपीसी, जिसे आधिकारिक तौर पर संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 नाम दिया गया है, उसमें लोकसभा से 12 और राज्यसभा से 10 सांसद होंगे. जेपीसी के दूसरे मेंबर्स में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, बीजेपी के संबित पात्रा और अनिल बलूनी शामिल हैं.

मंगलवार को पेश किया था बिल

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पहल के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के उद्देश्य से दो बिल पेश किए, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था. हालांकि, निचले सदन में बिल दो तिहाई बहुमत हासिल करने में विफल रहे, जिसके पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े.

विपक्ष ने इन बिल्स को तत्काल वापस लेने की मांग की और इन्हें संविधान पर हमला और “लोकतंत्र की हत्या करने तथा निरंकुशता और तानाशाही लाने” की कोशिश करार दिया. इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल को गहन जांच के लिए जेपीसी को भेजने का सुझाव दिया था

 

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महाराष्ट्र के मुंबई में हुए नाव हादसे में 13 लोगों की मौत, सीएम की तरफ से 5 लाख का मुआवजा

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई में हुए नाव हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद पीएम मोदी ने दो लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिखा “प्रधानमंत्री ने मुंबई में नाव दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

मुंबई में बुधवार को समुद्र के किनारे नौसेना का एक पोत के एक नाव से टकरा गया था। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 99 अन्य लोगों को बचा लिया गया। नौसेना की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि नौसेना का पोत इंजन परीक्षण के लिए जा रहा था, लेकिन तभी शाम चार बजे इसने नियंत्रण खो दिया और करंजा के पास यह नीलकमल नामक नौका से टकरा गया। यह नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से लोकप्रिय पर्यटन स्थल ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी।

मृतकों में नौसेना के तीन लोग शामिल

नौसेना ने कहा, ‘‘नौसेना ने तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस के समन्वय से खोज एवं बचाव प्रयास तुरंत शुरू किए। बचाव अभियान में नौसेना के चार हेलीकॉप्टर, नौसेना की 11 नौकाएं, तटरक्षक बल की एक नौका और समुद्री पुलिस की तीन नौकाओं की मदद ली गई।’’ इसमें कहा गया, ‘‘नौसेना और अन्य जहाजों की मदद से जीवित बचे लोगों को आसपास की जेटी पर पहुंचाया गया और फिर उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अब तक 99 लोगों को बचाया जा चुका है।’’ नौसेना ने बताया कि इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें नौसेना का एक कर्मचारी और नौसेना के जहाज में सवार ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) के दो लोग शामिल हैं।

सीएम की तरफ से 5 लाख का मुआवजा

फडणवीस ने बताया कि शाम साढ़े सात बजे तक नौसेना के चिकित्सकों ने 10 नागरिकों और नौसेना के तीन कर्मियों समेत 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया। नौसेना के गंभीर रूप से घायल दो कर्मियों को नौसेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फडणवीस ने इस त्रासदी में मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस दौरान एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना नौका के चालक और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों के खिलाफ दक्षिण मुंबई के कोलाबा पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मुंबई के साकीनाका निवासी नाथाराम चौधरी (22) की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

 

 

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