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उत्तर प्रदेश

ज्योति मौर्य केस: मनीष दुबे के निलंबन की अटकलें खारिज, परीक्षण के बाद होगी कार्रवाई

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Jyoti Maurya case

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लखनऊ। PCS अधिकारी ज्योति मौर्य के साथ अफेयर को लेकर विभागीय जांच का सामना कर रहे होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के निलंबन की अटकलें शासन ने खारिज कर दी हैं। अपर मुख्य सचिव (होमगार्ड्स) अनिल कुमार ने कहा कि मनीष दुबे पर कार्रवाई करने के लिए शासन ने जांच रिपोर्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है। रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद निलंबन करने और विभागीय जांच शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि डीआईजी होमगार्ड संतोष कुमार ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट डीजी (होमगार्ड्स) बीके मौर्य को सौंपी थी। डीजी ने अपनी संस्तुतियों के साथ इसे शासन को भेज दिया था। रिपोर्ट में महोबा में तैनात कमांडेंट मनीष दुबे को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करने और मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई है।

अनिल कुमार ने सोशल मीडिया में चल रहीं उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें मनीष दुबे के निलंबन की बात कही जा रही है। अनिल कुमार ने कहा कि जब तक परीक्षण पूर्ण नहीं हो जाता, निलंबन का फैसला नहीं होगा। मालूम हो कि बुधवार दोपहर से सोशल मीडिया पर मनीष दुबे के निलंबन की बातें चल रही हैं।

आलोक से तलाक लेने की बात कही थी

इस प्रकरण की जांच कर रहे डीआईजी संतोष कुमार को ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्या ने कुछ कॉल रिकॉर्डिंग दी थी। इनमें से एक रिकॉर्डिंग में ज्योति और मनीष आपस में आलोक को रास्ते से हटाने, ठिकाने लगाने, कहानी खत्म करने… जैसे शब्द बोलते पाए गए हैं।

जब मनीष से इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने कहा कि वे आलोक से तलाक लेने की बात कह रहे थे। हालांकि डीआईजी ने इस बातचीत को बेहद गंभीर प्रकरण मानते हुए पुलिस से जांच कराने की संस्तुति की है। इसका मुकदमा दर्ज होने पर ज्योति और मनीष के मोबाइल फोन, सीडीआर इत्यादि की गहनता से पड़ताल की जाएगी।

जांच के लिए ज्योति मौर्य ने भेजा था जवाब

वहीं, जांच के दौरान पीसीएस ज्योति मौर्य ने खुद पेश होने के बजाय अपना बयान लिखकर भेजा था। उन्होंने अपने बयान में खुद को निर्दोष करार दिया है। उन्होंने लिखा कि उनका अपने पति से विवाद चल रहा है। मामला कोर्ट में है और वह अदालत के समक्ष अपनी बात रखेंगी।

ये था पूरा मामला

प्रयागराज के रहने वाले सफाईकर्मी पति आलोक मौर्य से रिश्तों में खटास के बाद पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य चर्चा में बनी हैं। आलोक ने होमगार्ड मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी पत्नी ज्योति मौर्य का होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ अफेयर है।

पीसीएस ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य प्रयागराज के निवासी हैं और पंचायतीराज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। शादी के बाद ज्योति मौर्य का पीसीएस में चयन हुआ था। उनके पति ने अपनी शिकायत में कमांडेंट मनीष दुबे पर तमाम गंभीर आरोप लगाए।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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