उत्तर प्रदेश
कानपुर: 23 साल के रहमत अली बने ऋतिक शर्मा, कहा- बचपन का सपना पूरा हुआ
कानपुर। उप्र के कानपुर जनपद में मुस्लिम समुदाय के एक युवक ने हिंदू धर्म अपना लिया. युवक ने कहा कि अब जाकर बचपन का सपना पूरा हुआ। प्राप्त समाचार के अनुसार बाबूपुरवा में रहने वाले मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक मजदूर रहमत अली (23) ने हिंदू धर्म से प्रभावित होकर धर्मांतरण कर लिया।
रहमत अली से ऋतिक शर्मा बने इस 23 वर्षीय युवक ने बताया कि उसे बचपन से हिंदू धर्म में आस्था थी, जब मौका मिला तो विधि-विधान से हिंदू धर्म को अपना लिया। युवक ने कहा कि अब जाकर बचपन का सपना पूरा हुआ।
मूलरूप से हरदोई के बालामऊ निवासी रहमत अली (23) की बाबूपुरवा में ननिहाल है। तीन माह पूर्व वह काम करने के उद्देश्य से यहां आया था। रहमत उर्फ ऋतिक के मुताबिक, बचपन से ही उसे हिंदू धर्म में आस्था है। दोस्तों के साथ गणेश पूजन, रामलीला में भाग लेता था। कांवर लेकर भी जा चुका है। कई दिनों से धर्मांतरण के विषय में सोच रहा था।
करीब एक माह से बाकरगंज स्थित श्री दुर्गा मंदिर दर्शन करने जा रहा था। इस बीच बजरंगदल कार्यकर्ता पंकज यादव से अपनी इच्छा बताई। इसके बाद रविवार रात पूरे रीति रिवाज से हिंदू धर्म को अपना कर ऋतिक नाम रख लिया है।
पंकज यादव ने बताया कि युवक की इच्छा को देखते ही उसकी घर वापसी कराई गई है। वकील को युवक के कागजात दिए गए हैं ताकि आधिकारिक रूप से उसका नाम बदला जा सके। परिजनों को भी पत्र भेजकर बुलाया गया है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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