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उत्तर प्रदेश

कानपुर हिंसा: 40 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी, सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ भी केस दर्ज

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कानपुर। बीते 03 जून दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कानपुर में मौजूदगी के दौरान उपद्रव तथा हिंसा के मामले में पुलिस ने कारण तलाशने के साथ ही पत्थरबाजी करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

बेकनगंज थाना क्षेत्र की इस घटना को लेकर एसआइटी गठित की गई है, इसके साथ ही इसमें टेरर फंडिंग की भी जांच की जा रही है। बेकनगंज थाना ने इस दौरान 40 पत्थरबाजों की फोटो भी होर्डिंग पर लगा दी है। शहर में इसके पोस्टर भी लगाए गए हैं।

कानपुर पुलिस ने तीन जून की घटना में शामिल रहे पत्थरबाजों के फोटो लगाकर पोस्टर जारी किया। कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगालने के बाद 40 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की। कानपुर पुलिस ने सूचना देने के लिए इंस्पेक्टर बेकनगंज का मोबाइल नंबर (9454403715) भी जारी किया। इसके साथ ही सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखने का ऐलान किया।

कानपुर पुलिस ने इसके साथ ही नई सड़क के आसपास की ऊंची इमारतों की जांच भी करेगी। उपद्रव में इन इमारतों से भी पथराव की बात सामने आई थी। हिंसा के दौरान पेट्रोल बम भी चले थे, जिसके बाद जिला प्रशासन ने इलाके के आस-पास के पेट्रोल पंप को सील कर दिया है। इनके सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की जा रही है।

पुलिस ने 15 इंटरनेट पर सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। इन सभी ट्विटर और फेसबुक एकाउंट्स पर सामाजिक सौहार्द को बिगाडऩे और सांप्रदायिक माहौल को खराब करने का आरोप है। फारेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया है। टीम ने हर उस गली और रास्ते का मुआयना किया है, जहां से पथराव किया गया था।

उप्र शासन के गृह विभाग के निर्देश पर नई सड़क और दादा मियां का हाता में शुक्रवार को हुए उपद्रव की एसआईटी यानी विशेष जांच दल ने जांच शुरू कर दी है। एसआईटी के अध्यक्ष डीसीपी दक्षिण संजीव कुमार त्यागी ने सोमवार को पैदल उपद्रव प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस के साथ लोगों से घटना के दिन की जानकारी ली कि किस समय क्या-क्या हुआ था।

इस दौरान उनको बताया गया कि तलाक महल रोड पर भीड़ आई थी। यहां पर एक दुकान के बाहर उन्हें सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ दिखाई पड़ा जब उन्होंने दुकानदार के बारे में जानकारी की और उससे बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना वाले दिन उसका सीसीटीवी कैमरा बंद था।

इस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई और दुकानदार को डीवीआर के साथ तलब किया है। उन्होंने कहा कि अगर डीवीआर के साथ छेड़छाड़ की गई होगी तो दुकानदार के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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