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उत्तर प्रदेश

कानपुर हिंसा: पत्थरबाज ने खुद किया सरेंडर, अब तक 50 लोग गिरफ्तार

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कानपुर। उप्र के कानपुर में बीते 03 जून को हुई हिंसा और बवाल के मामले में पुलिस की तरफ से पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने का असर दिखाई देने लगा है। पोस्टर चस्पा होने के बाद पत्थरबाज खुद सरेंडर कर रहे हैं।

हिंसा में शामिल एक आरोपी ने सोमवार देर रात खुद को कर्नेलगंज थाने में सरेंडर किया है। इसके अलावा मंगलवार को 12 आरोपी और गिरफ्तार किए गए हैं। अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

दो और सोशल मीडिया हैंडल्स पर एफआईआर

कानपुर में नई सड़क पर हुए बवाल में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये माहौल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भड़काऊ पोस्ट कर लोगों को उकसाया गया।

पुलिस ने पहले ऐसे आठ लोगों के एकाउंट चिह्नित किए थे। वहीं, दो अन्य हैंडल्स पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। इनके खिलाफ आईटी एक्ट व धार्मिक भावनाएं आहत करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

आज जारी होगा दूसरी पोस्टर

कानपुर में हिंसा के बाद पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। पुलिस दबिश देकर आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है। अभी तक 40 लोगों के पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं, आज पुलिस आरोपियों का दूसरा पोस्टर जारी करेगी।

बता दें कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के जरिए फोटो हासिल किए थे। इन फोटो के जरिए उन सभी लोगों को पहचानने का काम किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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