प्रादेशिक
चौधरी अजीत सिंह ने किसानों के लिए संघर्ष किया वे सच्चे समाजसेवी थेः केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख, किसान नेता चैधरी अजीत सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा चौधरी अजीत सिंह किसानों के लिए संघर्ष किया वे सच्चे समाजसेवी थे।
उनके निधन से एक बहुत बड़ी राजनीतिक क्षति हुई है। अजीत सिंह 7 बार सांसद रहे । कई बार केंद्रीय मंत्री रहे। गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका निधन हो गया। 1999 में उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल का गठन किया।
डिप्टी सीएम ने शोक संतप्त परिजनों ,शुभचिंतकों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।
बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह का कोरोना से निधन हो गया। 82 साल के अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे। मगंलवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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