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ताबड़तोड़ कार्रवाई से बौखलाए खालिस्तानी आतंकी, हमले का मिला इनपुट; अलर्ट पर एजेंसियां

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Khalistani terrorists were stunned by the swift action

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नई दिल्ली। कनाडा में छिपे खालिस्तान समर्थक आतंकियों और पंजाब के गैंगस्टरों का नेटवर्क तोड़ने के लिए पंजाब पुलिस व केंद्रीय एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई से बौखलाए खालिस्तानी आतंकी पंजाब और दिल्ली पुलिस पर हमला कर सकते हैं।

यह इनपुट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है। कनाडा के ताजा प्रकरण के बाद पंजाब में दो दिन से गैंगस्टरों-आतंकियों समेत उनके मददगारों के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। पंजाब पुलिस के साथ NIA समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं।

कल सोमवार को भी पंजाब में ऐसे 37 ठिकानों पर छापे मारे गए। छापों में हथियारों के अलावा विदेश से मोटी रकम ट्रांसफर होने के भी कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। करीब 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनसे एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) पूछताछ कर रही है। पिछले 48 घंटों में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व गैंगस्टरों-आतंकियों के मददगारों के करीब 1200 ठिकानों को खंगाला गया है।

एजेंसियों की निगाहें उन लोगों पर हैं, जो किसी न किसी रूप विदेश में छिपे आतंकियों व गैंगस्टरों की मदद कर रहे हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों का रिकॉर्ड जुटा लिया है। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ कनाडा से अपना नेटवर्क चला रहा है। पुलिस का मानना है कि कोरोना काल में आतंकियों और गैंगस्टरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर साथ जोड़ा।

कनाडा में बैठे आतंकी और गैंगस्टर नाबालिगों और कॉलेज-यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों में बरगला रहे हैं। कुछ लोगों के खातों में पैसे तक डाले हैं। अब इन्हीं को मोहरा बनाकर विदेश में छिपे आतंकी पंजाब में माहौल बिगाड़ने की कोशिश में हैं। तरनतारन के सरहाली थाने पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से हमला में आतंकियों के इसी ट्रेंड का खुलासा हुआ था। इसमें आतंकियों ने 10 नाबालिगों को बरगला कर वारदात को अंजाम दिया था।

अब विदेश में छिपे 19 आतंकियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी

कनाडा और भारत के रिश्तों में आई तनातनी के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने विदेश में छिपे आतंकियों पर शिकंजा कस दिया है। इसी कड़ी में अब कनाडा, यूके, यूएस और दुबई में छिपे 19 भगोड़े खालिस्तान आतंकियों की एक सूची तैयार की है।

सूत्रों के मुताबिक पुराने दर्ज केसों में अब इनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है। इसके लिए NIA की टीमें केसों की स्टडी में जुट गई हैं। NIA के सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के नाम इस सूची में शामिल हैं, उन सब पर देश विरोधी गतिविधियों के आरोप हैं। कई बार इन मुद्दों को केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा चुकी है।

भगोड़ों की सूची में परमजीत सिंह पम्मा, वधावा सिंह बब्बर उर्फ चाचा, कुलवंत सिंह, जेएस धालीवाल, सुखपाल सिंह, हरप्रीत सिंह उर्फ राणा, सरबजीत सिंह, कुलवंत सिंह उर्फ कांटा, हरजप सिंह उर्फ जैपी सिंह, रनजीत सिंह नीटा,

गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ बाबा, गुरप्रीत सिंह उर्फ बागी, जसमीत सिंह हाकिमजादा, गुरजंट सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह रोडे, अमरदीप सिंह पूरेवाल, जतिंदर सिंह गरेवाल, दपिंदरजीत और एस हिम्मत सिंह का नाम शामिल हैं।

इससे पहले शनिवार को NIA ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर में संपत्ति जब्त की थी। इससे पहले आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

 आतंकी करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस

खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अब इंटरपोल ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। पाकिस्तान में छिपे आतंकी करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक वह पाकिस्तान में छिपे आतंकी वाधवा सिंह और हरविंदर सिंह का करीब है। उनके इशारे पर ही काम करता है। साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों में उसकी भूमिका अहम रहती है। उसे दोनों आंतकियों का राइट हैंड माना जाता है।

जानकारी के मुताबिक करनवीर मूलरूप से कपूरथला का रहने वाला है। उस पर आपराधिक साजिश रचने, हत्या, आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने, आर्म्स एक्ट, आतंकी गिरोह के संगठन का सदस्य होना समेत कई आरोप है। याद रहे कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल की ओर से जारी किया जाता है।

ISI के इशारे पर करते हैं काम

NIA की जांच में साफ हो चुका कि पाकिस्तान में छिपे हरविंदर सिंह रिंदा और कनाडा में छिपे लखबीर सिंह लंडा के आपस में अच्छे संबंध है। दोनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करते हैं। हिंदू नेता की हत्या, हथियारों व नशे की तस्करी, रंगदारी व वसूली की वारदातों में दोनों की भूमिका सामने आई थी।

इसके अलावा लंडा को पंजाब के खिलाफ आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए ISI की तरफ से फंडिंग की जाती है। पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय व तरनतारन के सहराली थाने पर हुए हमले में भी दोनों की भूमिका सामने आ चुकी है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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