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खत्म हुई किसान महापंचायत, कृषि मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल; अगली बैठक 30 अप्रैल को

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Kisan Mahapanchayat ended

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नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत खत्म हो गई है। इस महापंचायत में भाग लेने के लिए विभिन्न राज्यों से हजारों किसान जुटे थे।

किसान नेताओं ने इस महापंचायत में 50 हजार लोगों के पहुंचने का दावा किया था, लेकिन महापंचायत में 5-6 हजार लोग ही पहुंचे थे, जिससे किसान नेता थोड़े नाखुश नजर आ रहे थे। महापंचायत में इस बार योगेंद्र यादव को बुलाया ही नहीं गया था, जबकि सरकार के साथ वार्ता करने के लिए गई 15 सदस्य टीम में राकेश टिकैत को शामिल नहीं किया गया था।

कृषि मंत्री से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने बताया कि किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर कृषि मंत्री से मिला। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। अब मोर्चा की अगली बैठक 30 अप्रैल को होगी। जब टिकैत से महापंचायत में कम भीड़ को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए अपनी बात खत्म कर दी।

बॉर्डर पर रोके जा रहे हैं किसान

संयुक्त किसान मोर्चा का दावा था कि इस महापंचायत में देश के अलग-अलग राज्यों से 50 हजार से ज्यादा किसान शामिल होंगे, लेकिन यहां मुश्किल से पांच छह हजार किसान ही पहुंचे थे।

इसे देखते हुए मोर्चा के नेता ने कहा कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इस कारण काफी किसान आ नहीं पाए। किसान नेताओं ने यह भी दावा किया कि किसानों को बॉर्डर पर रोका जा रहा था। इस वजह से रामलीला मैदान में किसान नहीं पहुंचे सके।

वापस लौटे किसान

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के संबोधन से पहले ही किसान वहां से लौटने लगे थे। इस दौरान रामलीला मैदान के बाहर बस स्टॉप और ऑटो स्टैंड पर वापस जाने वाले किसानों की भीड़ जमा हो गई थी।

SKM नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कॉरपोरेट -समर्थक विकास के कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा। MSP पर गारंटी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह महापंचायत आयोजित की थी। इसमें किसान, आदिवासी किसान, महिला किसान, खेत मजदूर और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण श्रमिक आदि शामिल हुए।

किसान महापंचायत का आयोजन केंद्र सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा को 9 दिसंबर, 2021 को दिए गए लिखित आश्वासनों को पूरा करने और किसानों द्वारा सामना किए जा रहे लगातार बढ़ते संकट के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग को लेकर किया गया था।

रात में ही पहुंच गए थे करीब 1 हजार किसान

किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए करीब एक हजार किसान रात में ही रामलीला मैदान में पहुंच गए थे। उनके लिए यहां टेंट लगाया गया था, जिसमें वे रुके थे। ज्यादातर किसान पंजाब से आए हैं। इसके अलावा दावा किया जा रहा था कि उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, उप्र और मप्र के किसान भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।

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नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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