प्रादेशिक
शुक्रवार से शुरू होगी कुशीनगर और दिल्ली के बीच पहली यात्री हवाई सेवा
गोरखपुर। तथागत (बुद्ध) की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर योगी सरकार के प्रयास से विकास के नए रनवे से उड़ान भरने को पूरी तरह तैयार है। इसका बड़ा आधार बना है कुशीनगर में बना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 20 अक्टूबर को किया था। इस एयरपोर्ट से पहली यात्री उड़ान सेवा शुक्रवार (26 नवम्बर) को शुरू हो रही है। पहली पैसेंजर फ्लाइट दिल्ली और कुशीनगर के बीच होगी। इससे दिल्ली की यात्रा महज डेढ़ से दो घण्टे में पूरी हो जाएगी। अगले माह से कुशीनगर से कोलकाता और मुंबई के लिए भी यात्री उड़ान सेवा प्रारंभ हो जाएगी।
बुद्धभूमि के रूप में सांस्कृतिक समृद्धता के बावजूद कुशीनगर का शुमार कभी पूर्वांचल के सबसे पिछड़े जिलों में होता था। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने यहां बुनियादी सुविधाओं को तो मजबूत किया ही, इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए विकास की नई संभावनाओं को भी तलाशा। कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात भी इसी संभावनाओं को परवान चढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। एयरपोर्ट कुशीनगर ने न केवल इस जिले समेत आसपास के जिलों और सीमावर्ती बिहार के लोगों की सुगम हवाई यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया है बल्कि पर्यटन विकास और निवेश के नए द्वार भी खोल दिया।
महज दो घण्टे में कुशीनगर से दिल्ली
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली यात्री उड़ान सेवा 26 नवम्बर को शुरू हो रही है। इस दिन विमानन सेवा प्रदाता कम्पनी स्पाइस जेट का जहाज दिन में 12 बजे दिल्ली से उड़ान भरकर 1:35 बजे कुशीनगर पहुंचेगा। यानी सड़क मार्ग से लगने वाला अमूमन 15 घण्टे का समय महज डेढ़ घण्टे में सिमट जाएगा। कुशीनगर से दिल्ली की फ्लाइट का 1:55 पर टेकऑफ होगा और लैंडिंग 3:55 बजे होगी। कुशीनगर से दिल्ली पहुंचने में सिर्फ दो घण्टे लगेंगे। दिल्ली से कुशीनगर और कुशीनगर से दिल्ली के बीच यह सेवा सप्ताह में चार दिन, सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही दिसम्बर माह में कुशीनगर से कोलकाता और मुंबई के लिए भी हवाई सेवा प्रारम्भ हो जाएगी। इसके लिए भी स्पाइस जेट ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मंजूर शेड्यूल जारी कर दिया है। कोलकाता के लिए 17 दिसम्बर और मुंबई के लिए 18 दिसम्बर से फ्लाइट शुरू होगी। स्पाइस जेट का विमान 17 दिसम्बर को दोपहर में 1:35 बजे कोलकाता से उड़ान भरकर दोपहर बाद 3:20 बजे कुशीनगर पहुंचेगा। जबकि 3:40 बजे कुशीनगर से उड़ान भरकर कोलकाता वापसी शाम 5:15 बजे होगी। कुशीनगर-मुंबई के बीच हवाई सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार के लिए होगी।
इसी तरह 18 दिसम्बर को मुंबई से स्पाइस जेट की कुशीनगर के लिए पहली फ्लाइट 12:10 बजे से उड़ान भरकर दोपहर बाद 2:25 बजे पहुंचेगी। कुशीनगर से मुंबई जी वापसी उड़ान दोपहर बाद 3 बजे से होगी। वापसी की फ्लाइट शाम 5:35 बजे मुंबई पहुंचेगी। कुशीनगर व मुंबई के बीच उड़ान की सुविधा सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को उपलब्ध होगी।
अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा में भी ज्यादा देर नहीं
कुशीनगर का एयरपोर्ट प्रदेश का तीसरा फंक्शनल इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। घरेलू उड़ान शुक्रवार से शुरू हो रह है तो अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए भी ज्यादा देर नहीं है। कई विमानन कम्पनियां इसके लिए सर्वे कर रही हैं। स्पाइस जेट की एक तकनीकी टीम तो इस संबंध में विगत दिनों एयरपोर्ट का सघन निरीक्षण भी कर चुकी है। बुद्धभूमि होने के चलते कुशीनगर से बौद्ध अनुयायी देशों यथा श्रीलंका, जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर आदि के लिए फ्लाइट की संभावनाएं अधिक हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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