प्रादेशिक
कुशीनगर एयरपोर्ट से पहली पैसेंजर फ्लाइट ने भरी उड़ान, सीएम योगी ने दी बधाई
गोरखपुर। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को पहले यात्री विमान के लैंड करते ही जनपद के साथ ही प्रदेश की विकास यात्रा में स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के साथ ही आसपास व बिहार के सीमाई जिलों में रहने वालों के लिए अब दिल्ली दूर नहीं रही। अगले माह से कोलकाता और मुंबई की दूरी भी घंटे की गिनती में दो से तीन अंगुलियों पर सिमट जाएगी। कुशीनगर हवाई अड्डे से हवाई यात्राओं का संचालन प्रारंभ होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश के समग्र विकास की उड़ान बताते हुए सभी को बधाई दी है।
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले यात्री विमान के रूप में स्पाइसजेट के जहाज ने शुक्रवार दोपहर बाद लैंडिंग की। विमान से आए यात्रियों का स्वागत कुशीनगर के सांसद विजय दूबे, विधायक रजनीकांत मणि, एयरपोर्ट निदेशक अनिल द्विवेदी प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों आदि ने की। यात्रियों को चंदन का तिलक लगाकर व गुलाब का फूल देकर उनका अभिनन्दन किया गया। बीस मिनट बाद इसी विमान ने दिल्ली जाने वाले यात्रियों के साथ उड़ान भरी। दिल्ली से आने और जाने वाले यात्रियों के चेहरे पर छाई मुस्कान व उनका उमंग हवाई सेवा की सुविधा अहमियत साबित कर रही थी।
यात्रियों ने इस महत्वपूर्ण सुविधा का श्रेय केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार को देते हुए उनका आभार जताया। विमान से 74 यात्री दिल्ली से कुशीनगर पहुंचे और इतने ही कुशीनगर से दिल्ली के लिए रवाना हुए। एयरपोर्ट पर निदेशक सांसद विजय दूबे ने केक काटा और सबसे पहले एयरपोर्ट निदेशक अनिल द्विवेदी और दिल्ली जा रहे पहले यात्री विष्णु को खिलाया। इसके पहले दिल्ली में कुशीनगर के लिए पहले यात्री अजय कुमार त्रिपाठी का अभिनंदन किया गया था।
2017 के बाद कुशीनगर के माथे से मिटता गया बीमारू का दाग
वास्तव में अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक महत्व और बुद्धिस्ट पर्यटन विकास की अपरिमित संभावनाओं के बावजूद कुशीनगर का शुमार कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश के बेहद पिछड़े जिलों में होता था। सड़कें ही चलने लायक नहीं थीं, वहां हवाई यात्रा की बात ही अकल्पनीय लगती थी। पर, 2017 के बाद से जिले के माथे से बीमारू का दाग मिटता गया। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां पर्यटन विकास, विकास और निवेश की संभावनाओं को मुकाम देने के लिए बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ कर नए द्वार खोल गए। सीएम योगी की विशेष पहल पर बना इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी इसी दिशा में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी सौगात है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को किया था। शुक्रवार को इस एयरपोर्ट का हवाई यात्रा के लिए विधिवत संचालन प्रारंभ हो गया।
कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले यात्री विमान की लैंडिंग व टेक ऑफ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों को बधाई देतें हुए इसे समग्र विकास की उड़ान बताया है। सीएम ने एक ट्वीट में कहा, “कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हवाई यात्राओं का संचालन आज से प्रारंभ हो गया है। यह महज किसी हवाई जहाज की उड़ान भर नहीं है, यह प्रदेश के समग्र विकास की उड़ान है। बीजेपी यूपी की सरकार ने जो कहा, वह करके दिखाया है। सभी को हार्दिक बधाई।”
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट शेड्यूल
दिल्ली-कुशीनगर 12:00 – 1:35
कुशीनगर-दिल्ली 1:55 – 3:55
(प्रारंभ : सोमवार, बुधवार, शुक्रवार, रविवार)
कोलकाता-कुशीनगर 1:35 – 3:20
कुशीनगर-कोलकाता 3:40 – 5:15
(17 दिसम्बर से सोमवार, बुधवार, शुक्रवार)
मुंबई-कुशीनगर 12:10 – 2:25
कुशीनगर-मुंबई 3:00 – 5:35
(18 दिसम्बर से मंगलवार, गुरुवार, शनिवार)
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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