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मुख्य समाचार

ग्राम पंचायतों के विकास में पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायतों को और अधिकार संपन्न बनाते उनके मानदेय में भारी इजाफा कर उनकी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है । मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि किसी भी संस्था अथवा व्यक्ति को पंचायत प्रतिनिधियों के शोषण का अधिकार नहीं होगा । पंचायतों के विकास में आने वाली अड़चनों को भी दूर करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यह आह्वान किया कि पंचायतें स्मार्ट सिटी की तर्ज़ पर स्मार्ट विलेज(गाँव) बनाने की ओर अग्रसर हों, ऐसा करने वाली ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी । उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की डबल इंजन की सरकार के साथ पंचायतों की ट्रीपल इंजन की सरकार विकास में सहभागी बन जाए तो उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर 1 की अर्थव्यवस्था बनाने से कोई ताकत रोक नहीं सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बुधवार को राजधानी में आयोजित ग्राम उत्कर्ष समारोह (ग्राम पंचायत सम्मेलन) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर 42478 ग्राम पंचायत भवनों का लोकार्पण और 58189 ग्राम सचिवालयों व पंचायत पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार के लिए चयनित 356 में से पांच ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री योगी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सही मायने में ग्राम्य पंचायतें विकास की धुरी होती हैं। प्रदेश सरकार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आने देगी । पंचायत प्रतिनिधियों को भी विकास में प्रतिस्पर्धा की भावना से काम करना होगा। सरकार उनके साथ खड़ी है।पंचायत प्रतिनिधियों का कोई भी संस्था या व्यक्ति को शोषण का अधिकार नहीं होगा । उन्होंने पंचायतों का आह्वान किया कि स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट गाँव की तरफ अग्रसर होकर इस परिकल्पना को साकार कीजिये, राज्य सरकार बढ़ाकर पुरस्कार देगी । उन्होंने कहा कि गाँव का विकास होते ही उत्तर प्रदेश, देश की नंबर 1 बनने की लड़ाई जीत जाएगा। इस दिशा में राज्य सरकार ने इन पांच वर्षों के दौरान बहुत कार्य किये हैं । आज यूपी को किसी का भय नहीं है। प्रदेश में अब पेशेवर अपराधी और कोरोना डरेगा। कोरोना की रोकथाम में ग्राम प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों आदि ने जान की परवाह किये बिना जिस तरीके से कोरोना को नियंत्रित किया वह अभिनंदनीय है। सीएम योगी ने कहा कि गाँव में सफाई, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था व हर घर को स्वच्छ जल की आपूर्ति से आधी बीमारी स्वत: खत्म हो जाएगी । गाँव में शहर की तरह स्ट्रीट लाइट और कूड़े-कचरे के निस्तारण की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

पंचायत प्रतिनिधियों की बल्ले-बल्ले, बढ़ा मानदेय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में भारी वृद्धि कर उनकी बड़ी मुराद पूरी कर दी है। योगी सरकार ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 रूपये कर दिया है। ब्लॉक प्रमुख को 9800 की जगह 11300 और जिला पंचायत अध्यक्ष को अब 14000 की जगह 15500 रुपये मानदेय मिलेंगे। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सदस्य को प्रति बैठक 100 रुपये मिलेंगे। एक साल में ग्राम पंचायत की 12 बैठकें होंगी। इसी क्रम में बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) को प्रति बैठक 500 रुपये की जगह 1000 रुपये मिलेंगे। एक साल में क्षेत्र पंचायत की छह बैठकें होंगी। जिला पंचायत सदस्य को अब प्रति बैठक 1000 रुपये की जगह 1500 रुपये मिलेंगे और जिला पंचायत की भी एक साल में छह बैठक होगी ।

दुर्घटना में मौत पर प्रधान के परिजनों को मिलेगा दस लाख मुआवजा

योगी सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव पंचायत में ग्राम पंचायत कोष का गठन किया जाएगा। इस कोष से आकस्मिक दुर्घटना का शिकार होने पर ग्राम प्रधान के परिजनों को 10 लाख, जिला पंचायत सदस्य को 5 लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को 3 लाख और ग्राम पंचायत सदस्य के परिजनों को 2 ला की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

ग्राम पंचायतों के विकास के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये

त्रिस्तरीय पंचायतों के विकास के लिए योगी सरकार ने खजाना खोल दिया है। इसका ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि ग्राम पंचायतों को विकास के लिए हर साल अब प्रति कार्य पांच लाख दिये जाएंगे। पहले यह सीमा राशि 2 लाख थी । इसी प्रकार जिला पंचायतों को विकास के लिए 25 लाख रुपये प्रति कार्य की राशि दी जाएगी। पहले यह राशि सीमा 10 लाख रुपये थी ।
प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारों में वृद्धि

ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य विकास खंड के नामित अभियंता के अलावा जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग, आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मण्डी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता / सहायक अभियंता करा सकते हैं।

कार्य प्रणाली में सुधार

भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।

7. मनरेगा में ग्राम पंचायतों से अबभुगतान :

अगले 03 माह के अन्दर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।

जिला योजना समिति में भागीदारी

जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जायेंगे।

जिला प्रशासन से संवाद का प्लेटफार्म

प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान / पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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