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प्रादेशिक

लखीमपुर खीरी कांड डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सख्त, बोले- ऐसी कार्रवाई होगी कि आरोपियों की रूह कांप उठेगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो सगी नाबालिग बहनों की रेप के बाद हत्या के मामले में प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान सामने आया है। ब्रजेश पाठक ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिससे आने वाले समय में ऐसे अपराधों के बारे में सोचने वालों की रूह कांप जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। योगी सरकार में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत इन सभी अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी कि इनकी रूह कांप जाएगी। ऐसा अपराध करने के बारे में सोचने वाले भी कांप उठेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार मामले पर नजर रखे हुए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार मामले को फास्ट्रैक कोर्ट में लेकर जाएगी। जल्द से जल्द आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी।

लखीमपुर खीरी में दो नाबालिग सगी बहनों की रेप के बाद ह्त्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद दरिंदों ने दोनों बहनों के शवों को पेड़ से लटका दिया। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल के मुआयने के बाद आईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि घटना की सूचना के तुरंत बाद डायल 112 के पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे थे। आईजी ने बताया कि दोनों किशोरियों एक ही दुप्पटे के फंदे से लटकती हुई पाई गई। दोनों के शरीर पर जाहिराना तौर पर कोई चोटों के निशान नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

परिजनों के मुताबिक बुधवार शाम चारों लड़कों ने दो नाबालिग लड़कियों को उनके घर से किडनैप किया और जब परिजनों ने लड़कियों की तलाश की तो करीब चालीस मिनट बाद उन्हें दोनों लड़कियों के शव पेड़ से लटके हुए मिले। पुलिस ने लड़कियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर निघासन थाने में पोक्सो,रेप,हत्या समेत गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले पुलिस पर पंचनामा ठीक से न करने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने कई घंटे तक रास्ता जाम किया। इस वारदात की खबर मिलते ही लखीमपुर से लेकर लखनऊ तक प्रशासन हरकत में आ गया। वारदात के ठीक बाद यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में सख्त एक्शन लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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