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भारत रत्न की घोषणा पर लाल कृष्ण आडवाणी की आई पहली प्रतिक्रिया, इन दिग्गज नेताओं को किया याद
नई दिल्ली। 1990 के दशक की शुरुआत में अयोध्या के राम मंदिर के लिए अपनी रथ यात्रा से पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
भारत रत्न की घोषणा पर आडवाणी ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ‘अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ, मैं ‘भारत रत्न’ स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान की बात है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा की है।
आडवाणी ने आगे कहा, ‘आज मुझे दो व्यक्ति कृतज्ञतापूर्वक याद आ रहे हैं जिनके साथ मुझे घनिष्ठता से काम करने का सम्मान मिला, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी।’
बेटी प्रतिभा ने जताई खुशी, पिता को खिलाई मिठाई
पिता को भारत रत्न से नवाजे जाने पर बेटी प्रतिभा प्रतिभा आडवाणी ने उनके साथ मिठाइयां बांटीं और उन्हें गले लगाया। उन्होंने इस पर खुशी जताते हुए कहा ‘मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है। निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका पापा (लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है।’
उन्होंने बताया ‘वह बहुत अभिभूत हैं। वह कम बोलने वाले व्यक्ति हैं लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे। उन्हें इस बात की खुशी और संतुष्टि है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। इसलिए, हम बहुत खुश हैं।’
आडवाणी के बेटे की भी आई प्रतिक्रिया
बेटे जयंत ने कहा कि ‘मैं और मेरा परिवार इससे बेहद खुश हैं। मैं अपने पिता को यह पुरस्कार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। सार्वजनिक जीवन में मेरे पिता का योगदान बहुत बड़ा रहा है और यह देखना आश्चर्यजनक है कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर, उनके प्रयासों को इस शानदार तरीके से मान्यता दी जा रही है।’
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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