Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

लैंड फॉर जॉब स्कैम में बढ़ीं लालू परिवार की मुश्किलें, राबड़ी आवास पर पहुंची CBI   

Published

on

Lalu family problems increased in land for job scam

Loading

पटना। लैंड फॉर जॉब स्कैम (Land for job scam) में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें फिर बढ़ने लगी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम पटना में पूर्व CM राबड़ी देवी के आवास पर इस मामले में पूछताछ करने पहुंची है।

बताया जा रहा है कि राबड़ी देवी से पूछताछ हो रही है। साथ में दोनों बेटे बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी हैं। वहीं, इस मामले में आरोपित लालू प्रसाद यादव और उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती अभी दिल्ली में हैं।

बता दें कि लैंड फॉर जॉब स्कैम यानी जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती की 15 मार्च को दिल्ली की अदालत में पेशी है। पेशी से 9 दिन पहले सीबीआई द्वारा पूछताछ ने राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है।

क्या है रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने का मामला

आरोप है कि साल 2004 से 2009 के दौरान केंद्र की यूपीए-1 सरकार में रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से उनकी जमीन ली थी। किसी ने तोहफे में जमीन दी, तो किसी ने कम दामों में पटना की महंगी जमीन लालू परिवार के सदस्यों को बेच दी। इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव व उनकी पुत्रियों के भी नाम हैं।

बाजार दर से कम कीमत पर हुई डील

इस मामले में पिछले साल 10 अक्टूबर को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 14 लोगों को आरोपित बनाया गया था। सीबीआई का आरोप है कि मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर लालू परिवार ने नौकरी के बदले प्रचलित सर्किल रेट से काफी कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर जमीन हासिल की थी।

गृह मंत्रालय ने CBI को दी मुकदमा चलाने की मंजूरी

इसी केस में पिछले साल रेलवे स्टाफ ह्रदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। भोला यादव 2004 से 2009 के बीच जब लालू रेल मंत्री थे, उनके ओएसडी थे। इसी साल जनवरी में इस मामले में लालू यादव के खिलाफ गृह मंत्रालय ने सीबीआई को मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

लालू परिवार को मिला केजरीवाल का साथ

राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की पूछताछ पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी पार्टी के सदस्यों पर छापे पड़ना अपमानजनक है। विपक्ष शासित राज्यों में काम ठप करने के लिए केंद्र द्वारा यह चलन बढ़ता जा रहा है। वे ईडी, सीबीआई और गवर्नर का इस्तेमाल विपरीत राज्य सरकारों को परेशान करने के लिए करते हैं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

Published

on

Loading

लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

Continue Reading

Trending