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लालू प्रसाद यादव को SC से राहत, जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। संक्षिप्त सुनवाई के बाद जस्टिस ए.एस. बोपना और एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई की याचिका को अक्टूबर के लिए टाल दिया।
पीठ ने कहा कि इस केस की लिस्टिंग 25 अगस्त को क्यों की गई? सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीजेआई से इस मामले की तुरंत सुनवाई की मांग की थी।
लालू के खिलाफ याचिका पर अक्टूबर में सुनवाई
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने लालू प्रसाद की जमानत रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने गलत कानूनी धारणा पर लालू प्रसाद यादव को जमानत दिया था। सीबीआई की ओर से दी गई दलील का लालू प्रसाद के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को किडनी की बीमारी है,इसके बावजूद सीबीआई उन्हें वापस जेल में डालना चाहती है। कोर्ट ने इसके बाद इस केस की सुनवाई को अक्टूबर तक के लिए टाल दिया।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ
दो जजों की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में नॉन मिसक्लेनियस डे पर सुनवाई करेंगे। नॉन मिसलेनियस डे के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कई बेंच काम करती है। इन दिनों केसों की नियमित सुनवाई की जाती है। सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर बाकी के दिन नॉन मिसलेनियस होते हैं।
दरअसल, अप्रैल 2022 में झारखंड हाई कोर्ट ने डोरांडा ट्रेडरी से 139.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में लालू प्रसाद को जमानत दी थी। सीबीआई ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके अलावा दुमका और चाईबासा ट्रेडरी में दी गई जमानत का भी सीबीआई ने विरोध किया था। इन दोनों मामलों में भी हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
चारा घोटाले में लालू की जमानत का CBI कर रही विरोध
1996 में पहली बार बिहार में चारा घोटाला सामने आया था। तब लालू प्रसाद अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे। 1996 में ही पटना हाईकोर्ट के आदेश पर चारा घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जांच के बाद लालू प्रसाद को देवघर, दुमका और चाईबासा के कोषागार से फर्जीवाड़े से धन निकासी का दोषी ठहराया गया था।
इसके अलावा लालू यादव चारा घोटाले में डोरांडा ट्रेजरी से भी गलत तरीके से पैसा निकालने का दोषी पाए गए थे। डोरांडा ट्रेजरी के मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई थी। विशेष सीबीआई ने उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
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महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा ट्रेन हादसा, आग लगने की अफवाह फैलने पर कई यात्री ट्रेन से कूदे, 11 की मौत, 40 से अधिक घायल
जलगांव। महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आई है, पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैली जिससे कई यात्री ट्रेन से कूद गए, दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन से कटकर कई लोगों की मौत हो गई है। रेलवे के अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के जलगांव जिले में चेन खींचने के बाद पटरी पर उतरे दूसरी ट्रेन के यात्रियों के ऊपर से ट्रेन गुजर गई, जिससे कई यात्रियों की मौत हो गई। आधिकारिक बयान के मुताबिक अबतक 11 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है और 40 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ये ट्रेन रुकी हुई थी लोग बाहर थे। आग लगने की अफवाह के बीच यात्री ट्रेन से कूद गए और इस दौरान दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से 8 यात्रियों की मौत हो गई। रेलवे के बड़े अधिकारी जलगांव रवाना हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक ये ट्रेन लखनऊ छोटी लाईन से मुंबई जाती है।
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