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प्रादेशिक

लालू की बेटी की पोस्ट ने बिहार में बढ़ाई सियासी हलचल, रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक किए तीन पोस्ट

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Rohini Acharya made three posts one after the other

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पटना। कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिवारवाद पर बयान के एक दिन बाद आज लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने एक्स हैंडल पर ताबड़तोड़ पोस्ट किए हैं। इस पोस्ट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। रोहिणी के पोस्ट से सियासी गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं।

क्या कहा रोहिणी अचार्य ने?

रोहिणी अचार्य ने सिलसिलेवार तरीके से अपने एक्स हैंडल पर तीन पोस्ट किए हैं। तीनों पोस्ट के भाव कड़वे प्रतीत हो रहे हैं। रोहिणी ने पहली पोस्ट में लिखा कि अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां। अब इस पोस्ट से साफ साफ नजर आ रहा है कि वह किसी खास व्यक्ति पर निशाना साध रही हैं। ऐसा लग रहा है कि वह किसी बयान से आहत नजर आ रही हों।

विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट

अपनी दूसरी पोस्ट में रोहिणी आचार्य ने लिखा कि खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य, विधि का विधान कौन टाले,जब खुद की नीयत में ही हो खोट। तीसरी पोस्ट में लिखा कि समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है।

नीतीश कुमार ने कर्पूरी जयंती पर परिवारवाद पर बोला था हमला

नीतीश कुमार ने बुधवार को कर्पूरी जयंती पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधा था। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था। उन्होंने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी भी अपने बेटे को आगे बढ़ाने का काम नहीं किया। इस दौरान कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भी मौजूद थे। वहीं सीएम नीतीश ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए पीएम मोदी की भी प्रशंसा की थी। उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद किया था।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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