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उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों में चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का होगा सीधा प्रसारण

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Chandrayaan-3

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लखनऊ। बुधवार शाम को जब भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पहली बार लैंड करेगा तो उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के छात्र भी इस ऐतिहासिक लम्हे के साक्षी बनेंगे। प्रदेश की योगी सरकार ने इस अवसर पर छात्रों के ज्ञानवर्धन, उनकी जिज्ञासाओं की पूर्ति के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों को 23 अगस्त की शाम को एक घंटा खोलने और छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सरकार ने शिक्षा मंत्रालय के निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का इसरो वेबसाइट, यू-ट्यूब चैनल व डीडी नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। ऐसे में 5.15 से 6.15 बजे तक विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में विशेष सभा आयोजित कर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाए।

युवाओं की जिज्ञासा और अविष्कारों के प्रति जुनून जगाएगा यह ऐतिहासिक अवसर

अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि यह पहली बार है जब सरकार ने इस तरह के ऐतिहासिक अवसर पर छात्रों को एजुकेट करने के लिए शाम को स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भारत के चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर उतरना एक यादगार अवसर है, जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगाएगा। इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होगी क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उत्सव मनाएंगे। इसी क्रम में सभी डायट प्राचार्य व बीएसए को निर्देश दिया है कि इस दिन 5.15 से 6.15 बजे तक विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में विशेष सभा आयोजित कर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाए।

नेशनल

“डिजिटल मीडिया ने उस पारंपरिक मीडिया को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है”, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल मीडिया के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हुए पारंपरिक मीडिया को रेस में टिके रहने के लिए मुआवजे पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया ने उस पारंपरिक मीडिया को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है, जो पत्रकारिता की अखंडता और संपादकीय प्रक्रियाओं में भारी निवेश करता है। भारतीय प्रेस परिषद की ओर से शनिवार को यहां नेशनल मीडिया सेंटर में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने फेक न्यूज से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करने के लिए समाधान तैयार करने होंगे कि उनके सिस्टम का हमारे समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा,

“हमें इन संघर्षों को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि इतिहास खुद को दोहराता है और जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं, उन्हें फिर से उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया।” अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में एक जीवंत प्रेस है। यह मुखर है। इसमें हर तरफ की राय होती है। कुछ बहुत मजबूत हैं। कुछ मध्यमार्गी हैं। उन्होंने कहा कि देश में 35,000 से अधिक रजिस्टर्ड दैनिक समाचार पत्र हैं। हजारों समाचार चैनल हैं। और तेजी से फैल रहा डिजिटल इकोसिस्टम मोबाइल और इंटरनेट के जरिए करोड़ों नागरिकों तक पहुंच रहा है।

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