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प्रादेशिक

लखनऊ में बढ़े डेंगू के मामले, एक दिन में मिले इतने केस

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लखनऊ में डेंगू के कम से कम 25 मामले सामने आए हैं, जो उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक दिन में सबसे ज्यादा है। बुधवार को सामने आए नए मामलों में 12 महिलाएं, 10 पुरुष और तीन किशोर शामिल हैं।

डॉक्टरों ने कहा कि छह मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा क्योंकि उनकी हालत गंभीर थी और उनके प्लेटलेट्स की संख्या कम थी। अन्य मरीजों को दवा देकर वापस भेज दिया गया और वे घर पर ही स्वस्थ हो रहे हैं।

हालांकि अधिकांश ताजा मामले अलीगंज, एनके रोड, चिनहट, इंदिरा नगर, तुरियागंज, ऐशबाग और चिनहट जैसे उच्च क्षेत्रों से सामने आए और कुछ मामले नए इलाकों माल और काकोरी में दर्ज किए गए। डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे स्वच्छता की कमी और पानी के संचय को मुख्य कारण बताया जा रहा है।

डेंगू वायरस की वाहक मादा एडीज इजिप्टी मच्छर घरों में और आसपास कई जगहों पर जमा ताजे पानी में अंडे देती है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि लोग घबराएं नहीं बल्कि बचाव के उपायों का पालन करें। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से स्वच्छता अभियान शुरू करने की भी अपील की।

बुधवार को रिपोर्ट किए गए मामलों ने शहर में इस साल जनवरी से अब तक 575 मामलों को दर्ज किया है। इनमें से 495 (86 फीसदी) मामले पिछले 43 दिनों में सामने आए हैं, जिनमें रोजाना औसतन 12 मामले सामने आए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मनोज अग्रवाल ने कहा, हम व्यापक मच्छर नियंत्रण गतिविधियां कर रहे हैं, विशेष रूप से ज्यादा मामलों वाले क्षेत्रों से। इसके अलावा, संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य कार्यकर्ता जागरूकता फैलाने और चिकित्सा किट वितरित करने के लिए घर-घर जा रहे हैं।इस बीच, गोमती नगर, बालागंज, मल्लाह टोला, निशातगंज और अन्य इलाकों में 2,713 साइटों को स्कैन करने के बाद 27 घरों में इसके लार्वा पाए गए।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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