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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: महिला की मौत बनी मिस्ट्री, मां के शव के साथ 7 दिनों से रह रही थी बेटी

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ मां की मौत के बाद शव के साथ उसकी बेटी 7 दिनों तक बैठी रही। दुर्गंध उड़ने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम में मौत की वजह साफ न होने पर विसरा जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस बेटी से पूछताछ कर रही है।

प्राप्त समाचार के मुताबिक घटना इंदिरानगर के पाश इलाके मयूर रेजीडेंसी की है। जहा 26 नंबर मकान में सुनीता दीक्षित (61) अपनी बेटी अंकिता दीक्षित (26) के साथ काफी समय से रह रही थी। मां-बेटी ज्यादा कालोनी में किसी से ताल्लुक नहीं रखती थी।

बीते 18 मई को अचानक इस घर से आती दुर्गंध ने सबको बेचैन कर दिया। लोग घर के बाहर पहुंचे और मां-बेटी को आवाज लगाई लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

पुलिस पहुंची तो भी आवाज लगाने और डोर बेल बजाने पर कोई हरकत नहीं हुई। लिहाजा पुलिसकर्मी गेट फांदकर खिड़की के रास्ते अंदर दाखिल हुए तो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गए।

अंदर कमरे में बुजुर्ग महिला का शव बेड पर पड़ा और उसकी बेटी बगल में सोफे पर बैठी हुई थी। शव से उड़ती दुर्गंध का भी उसपर कोई असर न था। पुलिस और फैरेंसिक टीम ने पड़ताल शुरू की और बेटी से भी पूछताछ की।

संतोषजनक उत्तर न मिलने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मां की मौत की वजह साफ न होने पर विसरा सुरक्षित कर जांच के लिये भेजा गया है।

मृतका सुनीता दीक्षित एचएएल में चीफ इंस्पेक्टर के पद से कुछ समय पहले ही रिटायर्ड हुई थी। पुलिस अब महिला की मौत की मिस्ट्री सुलझाने में जुटी है। पुलिस इन सवालों में उलझी है की कही बेटी ने ही तो मां की हत्या नही कर दी और की तो क्यों?

साथ ही सात दिनों तक खुद मां के शव के साथ क्यों घर में कैद रही? आखिर मां की मौत की सूचना पुलिस को या पड़ोसियों सहित अपने रिश्तेदारों को क्यों नहीं दी? आखिर क्यों मौत का राज छुपाए शव के साथ ही बैठी रही?

डीसीपी नॉर्थ एस चिनप्पा की बाईट

वही डीसीपी नार्थ एस चिनप्पा ने बताया कि थाना इन्दिरा नगर के मयूर रेजीडेंसी में बंद कमरे में एक महिला का शव मिलने की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पुलिस गहनता से इस पूरे मामले की जांच कर रही है पीएम रिपोर्ट में मां की मौत की वजह साफ ना होने पर विसरा सुरक्षित कर जांच के लिये भेजा गया है।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद

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महाकुम्भ नगर  से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।

आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल

संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।

महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी

यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।

डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ

इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।

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