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उत्तर प्रदेश

लुलु मॉल नमाज विवाद: हनुमान चालीसा पढ़ने की मांग, कई प्रदर्शनकारी हिरासत में

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मॉल में आज हनुमान चालीसा पढ़ने की मांग को लेकर पहुंचे करणी सेना, बजरंग दल और कुछ अन्‍य हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं से पुलिस की नोकझोंक हो गई।

इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों के साथ धक्‍का-मुक्‍की भी हुई। राष्ट्रीय हिंदू युवा मंच के आदित्य मिश्रा और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य नेहा सिंह भी मौजूद रहीं। सभी को हिरासत में लेकर पुलिस ने कल्ली पश्चिम रिजर्व पुलिस लाइन भेज दिया गया है।

उधर, चारबाग रेलवे स्‍टेशन पर नमाज पढ़े जाने को लेकर हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने ज्ञापन दिया। हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक स्‍थलों पर जहां-जहां नमाज पढ़ी जाएगी, वहां-वहां हम भी सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ेंगे।

बता दें कि कल देर शाम करीब 7 बजे भी ललु मॉल में तीन युवक सुंदरकांड का पाठ करने पहुंचे थे। इसे लेकर वहां हंगामा शुरू हो गया। मॉल में कल भी काफी हंगामा हुआ। इसकी पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने चार युवकों को हिरासत में ले लिया था।

उन्‍हें शांति भंग की कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया था। इसी के साथ मॉल में सुंदरकांड का पाठ का आह्वान करने वाली हिंदू समाज पार्टी की अध्यक्ष और हिंदू नेता स्व. कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी को हाउस अरेस्ट किया गया था।

इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्‍ता शिविर चतुर्वेदी ने नमाज का एक नया वीडियो जारी करते हुए कहा कि लुलु मॉल नहीं लुलु मस्जिद है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि जमीन खरीदकर अलग तरीके से एजेंडा चलाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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