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प्रादेशिक

मप्र विस चुनाव: भाजपा की दूसरी लिस्ट में नजर आ रहा है ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा

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Jyotiraditya Scindia

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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई उम्मीदवारों को शामिल कर व कुछ नेताओं को टिकट न देकर पार्टी ने सबको हैरान कर दिया है। भाजपा की दूसरी लिस्ट देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में अलग ही दबदबा है।

महाराज के समर्थकों को मिला टिकट

दूसरी सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को अंचल की तीन सीटों से टिकट मिला है। सिंधिया ने अपने खास समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी को डबरा, मोहन सिंह राठौड़ को भितरवार और रघुराज कंसाना को मुरैना सीट से टिकट दिलाया है। इसे देखकर स्पष्ट है कि सिंधिया और पार्टी के बीच 2020 में जो डील हुई थी, वह पूरी हो गई है।

ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में प्राथमिकता

इसके अलावा, संगठन ने ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में भी केंद्रीय मंत्री सिंधिया को प्राथमिकता देने की ठानी है। दरअसल, ग्वालियर जिले की छह विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर सिंधिया समर्थकों को टिकट मिल चुका है। ग्वालियर सीट से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम लगभग तय है।

भाजपा में भी सिंधिया का दबदबा

यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस में जो दबदबा था, अब वही दबदबा भाजपा में भी है। ग्वालियर की भितरवार सीट पर भाजपा के कई दिग्गज लंबे समय से उम्मीद लगाकर बैठे थे, जिनमें सबसे बड़ा और अहम नाम पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का था।

इसके अलावा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के भांजे विवेक मिश्रा और भाजपा जिला अध्यक्ष कौशल मिश्रा भी इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। हालांकि, अब पार्टी ने इस सीट से सिंधिया के समर्थक मोहन सिंह राठौड़का नाम फाइनल किया है।

78 प्रत्याशियों का नाम जारी

गौरतलब है कि बीजेपी ने पहली सूची में भी 39 उम्मीदवारों की घोषणा की थी और दूसरी सूची में भी 39प्रत्याशियों का नाम जारी होने के बाद अभी तक 78 प्रत्याशियों का ऐलान पार्टी ने कर दिया है। हालांकि, अब तक जिन सीटों का ऐलान किया गया है, उनमें से अधिकांश सीटों पर भाजपा पिछले चुनाव में हारी थी।

भाजपा के लिए सबसे चिंता वाला क्षेत्र ग्वालियर और चंबल माना जा रहा है। इन इलाकों को लेकर भाजपा में डर है, क्योंकि यहां पर तोमर और सिंधिया वर्ग के अलावा एक वर्ग और है, जो पार्टी से नाराज चल रही है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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