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उत्तर प्रदेश

माफ़िया अतीक और उसके बेटे उमर पर अपहरण और रंगदारी मामले में आरोप तय

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Mafia Ateeq and his son Omar

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प्रयागराज। लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल ले जाने और रंगदारी मामले में माफ़िया अतीक और उसके बेटे उमर पर आरोप तय हो गए हैं। उमर पर संगीन धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। अतीक की पेशी ऑनलाइन हुई। कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक के बेटे ने कहा कि उनके घर की महिलाओं को फंसाया जा रहा है।

ग़ौरतलब है कि 28 दिसंबर 2018 को कारोबारी मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने गुर्गों के जरिये गोमती नगर स्थित ऑफिस से उसका अपहरण करवाया था।

इसके बाद अतीक ने जेल में उसके साथ मारपीट की तथा सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा। इनकार पर अतीक, उसके बेटे उमर तथा गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान ने तमंचे-रॉड और पट्टे से उसे पीटा था। इसके बाद जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर बनवाकर 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली थी।

अतीक पर दर्ज हैं 101 मुकदमे

अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में 50 मामले कोर्ट में चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था।

एक बार एनएसए भी

1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया।

1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर NSA भी लगाया जा चुका है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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