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उत्तर प्रदेश

माफिया हत्याकांड: नशे का आदी था शूटर लवलेश तिवारी, कभी-कभी आता था घर

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Mafia massacre: Shooter Lovelesh Tiwari was addicted to drugs, used to come home sometimes

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बांदा। प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ की हत्‍या करने वाले तीन हत्‍यारों में एक बांदा का लवलेश तिवारी भी है। लवलेश के भाई वेद ने जब मीडिया से बात की तो वह डरा और सहमा हुआ नजर आया। उसकी आंखें झुकी थीं और आवाज में खौफ था।

बता दें कि सीओ सिटी गवेंद्र पाल सिंह लवलेश तिवारी के घर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया लवलेश पर चार मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें एक चिल्ला, दो बांदा में जबकि चौथे की जानकारी ली जा रही है।

छोटे भाई ने बताया लवलेश कभी-कभी आता था घर

शूटर लवलेश के छोटे भाई वेद तिवारी ने बातचीत में बताया कि लवलेश नशे का आदी था। तीन-चार साल पहले एक लड़की को थप्पड़ मारने में जेल गया था। करीब एक सप्ताह पहले वह घर से गया था। लवलेश घर पर कभी-कभी ही आता था, उसकी आदतें खराब थीं।

टीवी पर अतीक की हत्‍या में बेटे को देख बदहवास हुए माता-पिता

लवलेश के पिता एक स्कूल में बस चलाते हैं। इन लोगों को घटना की जानकारी टीवी में उसका चेहरा देखने के बाद हुई। उसके बाद से लवलेश के मां और पिता डिप्रेशन में चले गए। लवलेश शहर के कटरा में किराए के मकान में रहता है।

लवलेश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाई

हत्यारे लवलेश के पिता का नाम यज्ञ तिवारी और मां का नाम मां आशा तिवारी है। लवलेश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीए में प्रवेश लिया था। फर्स्ट ईयर फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके बाद उसकी संगत गलत हो गई। भाई वेद तिवारी ने बताया कि उससे मिलने घर पर कोई नहीं आता था, वह खुद घर पर कम आता था। मम्मी, पापा और वह खुद भी उससे कम संबंध रखते थे।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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