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आध्यात्म

इस माघ पूर्णिमा पर बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त व महत्व

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magh purnima 2023

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नई दिल्ली। सनातन धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत महत्व है। पंचांग के अनुसार, हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व कल 5 फरवरी दिन रविवार को है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।

इस माघ पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई महायोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। माघ पूर्णिमा पर प्रयागराज के तट पर शुरू हुआ कल्पवास का व्रत भी खत्म हो जाता है। इस दिन रविदास जयंती भी मनाई जाती है।

माघ पूर्णिमा का महत्व

माघ मास की पूर्णिमा में किए गए दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन वस्त्र, तिल, खाना, गुड़, धन, कंबल गौ आदि का दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और ईश्वर की कृपा बनी रहती है।

साथ ही इस तिथि पर पितरों को तर्पण कर श्राद्ध भी किया जाता है। इस दिन किया गया स्नान सभी पाप और संताप का नाश करते हैं और सभी रोग दूर होते हैं। अगर पवित्र नदियों में जाना संभव नहीं है तो घर में ही मां गंगा का ध्यान करते हुए जल में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।

माघ पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा की तिथि 5 फरवरी, दिन शनिवार

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ – 4 फरवरी, शनिवार रात 9 बजे से 29 मिनट पर

पूर्णिमा तिथि का समापन – 5 फरवरी, रविवार रात 11 बजकर 58 मिनट होगा

उदिया तिथि के हिसाब से माघ पूर्णिमा 5 फरवरी दिन शनिवार को है।

पूर्णिमा स्नान मुहूर्त – 5 फरवरी, 5 बजकर 22 मिनट से 6 बजकर 17 मिनट तक।

माघ पूर्णिमा पर शुभ योग

माघ पूर्णिमा पर सर्वाद्ध सिद्ध जैसे महायोग के साथ रवि पुष्य योग और विजय मुहूर्त जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। इसके साथ ही आश्‍लेषा नक्षत्र में चंद्रमा, गुरु और शनि समेत तीनों ग्रह अपनी ही राशि में मौजूद होंगे।

रविवार को जब पुष्‍य योग बनता है तो इसे रवि पुष्‍य योग कहते हैं। इन शुभ योग में स्नान करने व दान करने माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और हर कार्य शुभ होता है।

इसके साथ ही इस बार माघ पूर्णिमा पर आयुष्मान योग, वाशी योग व सुनफा योग भी बन रहे हैं, जो हर कार्य में सफलता दिलाते हैं और जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं। माघ पूर्णिमा पर बन रहे ये शुभ योग आपको हर समस्या से मुक्ति दिलाते हैं।

माघ पूर्णिमा पर पूजा विधि

माघ पूर्णिमा की तिथि पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करें। अगर नदियों के पास नहीं है तो जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। पवित्र नदि में स्नान करते हुए सूर्य को जल दें और सूर्य मंत्रों का उच्चारण करें।

इसके बाद पूर्णिमा तिथि के व्रत का संकल्प लें और श्रीहरि की माता लक्ष्मी के साथ पूजा करें। दोनों की पूजा विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। पूजा में माता लक्ष्मी को खीर का भोग अवश्य लगाएं। इसके बाद दोपहर के समय दान अवश्य करें।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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