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उत्तर प्रदेश

मोबाइल टॉवर्स पर हाई रिजॉल्यूशन कैमरे इंस्टॉल कर होगी महाकुंभ की निगरानी

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के दौरान मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख से नजर रखी जाएगी। इसके लिए आर्टिफिशियल लाइसेंस वाले सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के अलावा मोबाइल टॉवर्स पर हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों को इंस्टॉल किया जाएगा। ये कैमरे इतने हाई रिजॉल्यूशन के होंगे कि संगम तट, विभिन्न घाट और प्रमुख मार्गों पर होने वाली एक-एक गतिविधि पर नजर रखेंगे और सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने में कुंभ पुलिस की मदद करेंगे। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ के दौरान कुंभ पुलिस द्वारा पूरे मेला क्षेत्र में 2700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, जिसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस्ड युक्त कैमरे भी शामिल हैं। वहीं

टीथर्ड ड्रोन का भी होगा इस्तेमाल

एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुंभ 2025 में भारी पैमाने पर श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। खासतौर पर प्रमुख स्नान के दौरान ये संख्या करोड़ों में पहुंच सकती है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। इसी क्रम में कुंभ पुलिस पहली बार तीन से चार टीथर्ड कैमरों का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। ये कैमरे एक बड़े बलून के साथ रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किए जाते हैं, जहां से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख सकेंगे। हालांकि, इन कैमरों को 6 से 7 घंटे में एक बार नीचे लाना जरूरी होता है। ऐसे में मोबाइल टॉवर्स पर हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों को लगाने की योजना है। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम होंगे।

प्रमुख स्थलों की होगी निगरानी

उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में मोबाइल टॉवर्स लगाने का कार्य प्रगति पर है। इनमें ऐसे टॉवर्स चिह्नित किए जाएंगे जो प्रमुख स्थलों के करीब हों। जैसे संगम तट, वो घाट जहां सर्वाधिक भीड़ होगी और प्रमुख मार्ग जहां से सर्वाधिक श्रद्धालुओं का आवागमन होगा। इन्हीं चिह्नित टॉवर्स पर ये हाई रिजॉल्यूशन कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाएंगे। इससे कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। उन्होंने बताया कि अभी कितने कैमरे लगाए जाएंगे, ये सुनिश्चित नहीं है लेकिन जल्द ही इसकी रूपरेखा तैयार कर महाकुंभ मेला की शुरुआत से पहले इन्हें क्रियान्वित कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए कुंभ पुलिस प्रतिबद्ध है। सुरक्षा की दृष्टि से हर एक पहलू पर बारीकी से काम किया जा रहा है। कुंभ की निगरानी इसका महत्वपूर्ण पहलू है, जिसमें हम कई इनोवेटिव आइडियाज पर कार्य कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद

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महाकुम्भ नगर  से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।

आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल

संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।

महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी

यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।

डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ

इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।

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