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प्रादेशिक

पहले चरण में महराजगंज और सम्भल जिले में तैयार होंगे पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज

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लखनऊ। पिछली सरकारों में चिकित्‍सा के क्षेत्र में हाशिए पर रहे जनपदों को कम समय में पहली पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया। जिसका लाभ गांव देहात कस्‍बों तहसीलों के लोगों को मिलेगा। वन डिस्‍ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज की नीति पर काम कर रही प्रदेश सरकार ने 32 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और 5 निजी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ पीपीपी मॉडल पर 16 जिलों को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने का बड़ा फैसला किया।

जिस कड़ी में पहले चरण में प्रदेश सरकार ने दो जिलों के लिए दो निजी भागीदारों को मंजूरी दी है। प्रदेश के महराजगंज और सम्भल जिले में निजी भागीदार में न्यूनतम 100 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। सरकार नीति के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन भी वितरित करेगी।

प्रदेश सरकार ने बागपत, बलिया, भदोही चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज महराजगंज महोबा मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संत कबीरनगर, शामली व श्रावस्ती में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण का एक अहम फैसला लेकर जनपदवासियों को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ी सौगात देने का काम किया है। गौरतलब है कि पिछली सरकारों में यहां कोई सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं है।

10 जिलों के लिए आए 21 आवेदन

पीपीपी मॉडल पर तैयार होने वाले मेडिकल कॉलेज के तहत 10 जिलों के लिए 21 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों पर चरणबद्ध तरीके से निर्णय लिया जा रहा है । पहले चरण में प्रदेश सरकार ने दो जिलों के लिए दो निजी भागीदारों को मंजूरी दी है। बाकी जिलों के लिए इच्छुक प्रस्‍तावों का मूल्यांकन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

दो मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से मिलेगा रोजगार, बढ़ेंगी चिकित्‍सा सुविधाएं

प्रदेश के महराजगंज और सम्भल जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू होने से सालाना कम से कम 200 डॉक्टर जुड़ सकेंगे और प्रत्यक्ष रोजगार के रूप में कम से कम 1300 नौकरियां विकसित होंगी। इससे महराजगंज में कम से कम 100 बेड और सम्भल में 300 बेड तक की उपलब्धता बढ़ जाएगी।

रेफरल केसों में आएगी कमी

इन 16 जनपदों में मेडिकल कॉलेज न होने से प्रदेशवासियों को दूसरे जनपदों प्रदेश में इलाज के लिए जाना पड़ता था अब इन 16 जिलों में भी मेडिकल कालेज होने से प्रदेशवासियों की ये बड़ी समस्‍या दूर हो जाएगी। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले महराजगंज और सम्भल जिले के मेडिकल कॉलेज का संचालन होने से सैकेंडरी केयर एंड टेरिटरी केयर (secondary care and tertiary care) सेवाओं को नागरिकों के करीब लाया जाएगा। जिससे अब वहां के लोगों को इलाज के लिए दूसरे जिलों के चक्‍कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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