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राजनीति

महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें

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पूर्व क्रिकेटर सचन तेंदुलकर ने महाराष्ट्र विधानसभाव चुनाव 2024 के लिए मतदान किया। मुंबई की पोलिंग बूथ पर सचिन के साथ उनकी पत्नी और बेटी सारा तेंदुलकर भी साथ दिखीं। सचिन ने वोट डालने के बाद मीडिया से बातचीत भी की।

मास्टर ब्लास्टर ने जनता से अपील करते हुए कहा कि मैं काफी समय से ECI (भारत के चुनाव आयोग) का चेहरा रहा हूं। मैं जो संदेश दे रहा हूं, वह है वोट देना। यह हमारी जिम्मेदारी है। मैं सभी से आग्रह करताहूं कि वे बाहर आकर वोट करें।

सचिन तेंदुलकर के पास क्रिकेट का लंबा अनुभव है. उन्होंने मुश्किल पिचों पर दुनिया के मुश्किल गेंदबाजो को खेला है. ऑस्ट्रेलिया में भी उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है. ऐसे में कुछ समय पहले तक ये चर्चा थी कि सचिन को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का बैटिंग कंसल्टेंट बनाया जा सकता है. हालांकि अभी तक बीसीसीआई की तरफ से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है.

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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