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आध्यात्म

Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि कल, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

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नई दिल्ली। पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस बार 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे महाशिवरात्रि के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। इसलिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने और हर मनोकामना को पूरा करने के लिए कुछ खास उपाय और विशेष पूजा आराधना की जाती है।

इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। पूजा जैसे पुष्प, बिल्वपत्र, भाँग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और माँ पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन आदि।

महा शिवरात्रि 11 मार्च दिन बृहस्पतिवार को है। महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ समय 12:06 AM से 12:55 AM, मार्च 12 तक है। महाशिवरात्रि पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा 06:27 PM से 09:29 PM, रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 09:29 PM से 12:31 AM (मार्च 12), रात्रि तृतीय प्रहर पूजा 12 मार्च 12:31 AM से 03:32 AM, रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 03:32 AM से 06:34 AM तक। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 11 मार्च को 02:39 PM बजे से होगा और समाप्ति 12 मार्च को 03:02 PM बजे। 12 मार्च को शिवरात्रि व्रत पारण समय 06:34 AM से 03:02 PM तक।

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मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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