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उत्तर प्रदेश

सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी मैनपुरी सीट, क्या शिवपाल की राहें होंगी जुदा?

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Mainpuri parliamentary seat became a question of prestige for SP

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लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट (Mainpuri parliamentary seat) समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। सपा का गढ़ होने के नाते पार्टी हर हाल में इस सीट को जीतकर ‘नेताजी’ को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहेगी।

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इसके लिए मुलायम सिंह यादव के परिवार व पार्टी दोनों में गंभीर मंथन जारी है। इस बीच मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के एक बयान ने सियासी हलके में हलचल मचा दी है।

दरअसल, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव मंगलवार की देर शाम एक निजी कार्यक्रम में गोरखपुर पहुंचे। सहजनवां क्षेत्र स्थित कालेसर चौराहे पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रसपा नगर निकाय चुनाव के साथ ही नेता जी के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी सीट जीतने की हर सम्भव कोशिश करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रसपा प्रदेश भर में नगर पंचायत और नगर निगम का चुनाव लड़ेगी। इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं कि क्या मैनपुरी में चाचा-भतीजे आमने-सामने होंगे। हालांकि बयान से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मैनपुरी से प्रसपा अपना प्रत्याशी उतरेगी।

सपा का प्रत्याशी कौन होगा जानने की बेचैनी  

मैनपुरी में सपा का प्रत्याशी कौन होगा यह जानने की बेचैनी सभी को है। सपा का जो चेहरा सामने आएगा निश्चित रूप से उसे ही मुलायम की विरासत का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव का कहना है कि पार्टी संगठन प्रत्याशी कोई भी हो उसके साथ पूरी शिद्दत से जुटने की रणनीति बना रहा है।

सपा आज करेगी मैनपुरी प्रत्याशी का ऐलन

मैनपुरी संसदीय उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों को लेकर माथापच्ची मंगलवार को भी जारी रही। सपा की ओर से आज बुधवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जा सकती है। सपा की बैठक में प्रत्याशी का चयन लगभग फाइनल हो चुका है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार की शाम 7 बजे सैफई पहुंच गए थे। मंगलवार को वे पूरे दिन सैफई में रहे। इटावा की एक शादी में शामिल हुए, लेकिन प्रत्याशी कौन बनेगा इस पर रुख साफ नहीं किया। सूत्रों की मानें तो नाम फाइनल हो गया है, आज इसकी घोषणा हो सकती है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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