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प्रादेशिक

बिहार: घर में लगी आग, दंपती समेत परिवार के 3 लोग जिंदा जले; दो की हालत गंभीर

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massive fire in Motihari

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मोतिहारी। बिहार के मोतिहारी में एक घर में भीषण आग लग गई। इसमें परिवार के तीन लोग जिंदा जल गए। वहीं दो की हालत गंभीर है। लोगों का कहना है कि शनिवार सुबह गोदाम में रखी रूई में शॉर्ट-सर्किट से आग लग गई, जो देखते-देखते पहली मंजिल तक पहुंच गई। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। घर के अंदर मौजूद पांच लोग फंस गए थे। वह निकलने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन, निकल नहीं पा रहे थे।

फायर ब्रिगेड की टीम को आग पर काबू पाने में काफी वक्त लग गया। इस दौरान परिवार तीन लोगों की मौत हो गई। इसमें रौशन पड़ित (28), उसकी पत्नी कविता देवी (24) और उनकी बहन सालू (15) शामिल हैं। वहीं रौशन के पिता सुबोध पड़ित (47) और मां सुभावित देवी (42) की हालत नाजुक है। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। घटना घोड़ासहन थाना क्षेत्र के रेलवे गुमटी के पास की है।

ऐसे बंद हो गया बाहर निकलने का रास्ता

लोगों का कहना है कि सुबोध पड़ित अपने परिवार के साथ शुक्रवार रात घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर सोये थे। सुबह करीब छह बजे के आसपास घर में नीचे से आग लग गई। घर के नीचे रुई और प्लास्टिक का गोदाम से आग की शुरुआत हुई थी।

जहां आग लगी वहीं घर का सीढ़ी था। इसके वजह से घर से लोग बाहर नहीं निकल सके। आग का धुआं देख कर आसपास के लोग वहा जमा हो कर अपने अपने घर के छत से पानी फेंक कर किसी तरह आग बुझाने का प्रयास कर रहे था।

दीवार को तोड़ कर लोगों को बाहर निकाला

इसी बीच फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची, किसी तरह ग्रामीणों ने घर के दीवार को तोड़ कर लोगों को बाहर निकाला। लेकिन, तब तक तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं तीन को आनन फानन में मोतिहारी भेजा गया। जहां एक की मौत हो गई। वहीं सुबोध पड़ित का निजी नर्सिंग होम में जबकि उनकी पत्नी का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

छत से कूदकर बचाई जान

स्थानीय लोगों का कहना है कि घर के मालिक सुबोध पड़ित ने छत से नीचे कूद कर खुद की जान बचाई। वहीं उनकी पत्नी को ग्रामीणों ने दीवार तोड़ कर बाहर निकाला। इधर, सभी घायल को जब ग्रामीण ले कर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं थे। इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखा गया।

 

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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