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बिजनेस

मेदांता अस्पताल ला रहा है IPO, 3 नवंबर से कर सकेंगे निवेश  

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Medanta Hospital IPO

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नई दिल्ली। मेदांता अस्पताल अपना प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) बाजार में लाने जा रहा है। निवेशक इसमें धन लगाकर कमाई कर सकते हैं। दरअसल, मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन के स्वामित्त्व व मेदांता ब्रांड के तहत अस्पतालों का संचालन और प्रबंधन करने वाली कंपनी ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड का आईपीओ आ रहा है।

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3 नवंबर से मिलेगा मौका

ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड का आईपीओ अगले सप्ताह 3 नवंबर, 2022 को खुलेगा तो 7 नवंबर तक दांव लगाने का मौका मिलेगा। 5-6 नवंबर को शनिवार और रविवार अवकाश का दिन है। आईपीओ सिर्फ तीन दिन- 3, 4 और 7 नवंबर के लिए खुला रहेगा।

लिस्टिंग कब तक

16 नवंबर 2022 को बीएसई और एनएसई पर कंपनी की लिस्टिंग होने की उम्मीद है। कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, क्रेडिट सुइस सिक्योरिटीज (इंडिया), जेफरीज इंडिया और जेएम फाइनेंशियल आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।

वहीं, KFin Technologies Limited पब्लिक इश्यू का रजिस्ट्रार है। आईपीओ में कंपनी के शेयरधारकों और प्रमोटरों द्वारा 5.08 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए एक प्रस्ताव (ओएफएस) शामिल है।

बता दें कि नरेश त्रेहन ने 2004 में मेदांता की स्थापना की थी। कार्लाइल ग्रुप और टेमासेक जैसे निजी इक्विटी निवेशकों द्वारा समर्थित ग्लोबल हेल्थ गुरुग्राम, इंदौर, रांची, लखनऊ और पटना में ‘मेदांता’ ब्रांड के तहत पांच अस्पतालों का एक नेटवर्क संचालित करता है।

इसके अलावा नोएडा में एक अस्पताल निर्माणाधीन है। कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में सेबी के पास आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था।

त्रेहन की कितनी हिस्सेदारी

ग्लोबल हेल्थ में नरेश त्रेहन की 35% हिस्सेदारी है। मेदांता के सह-संस्थापक सुनील सचदेवा 13.43%, आरजे कॉर्प लिमिटेड 3.95% और एगियो इमेज लिमिटेड 1.97% हिस्सेदारी रखते हैं। बीते वित्त वर्ष में कंपनी की कुल आय 2,206 करोड़ रुपये थी व 196 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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