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नेशनल

मीडिया चला रहा है ‘कंगारू कोर्ट’, हालात चिंताजनक: सीजेआई एनवी रमना

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रांची। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायपालिका की चुनौतियों और मीडिया के कार्य पर टिप्पणी करते हुए न्यायपालिका के भविष्य पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक झूठा आख्यान बनाया गया है कि न्यायाधीशों का जीवन आसान होता है लेकिन वे जीवन की कई खुशियों, कभी-कभी महत्वपूर्ण पारिवारिक घटनाओं से चूक जाते हैं। नूपुर शर्मा केस पर एक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीजेआई ने कहा कि जजों के खिलाफ सोशल मीडिया में कैंपेन चल रहा है।

सीजेआई एनवी रमना शनिवार को रांची के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ कॉलेज में ‘जस्टिस ऑफ ए जज’ पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सीजेआई ने कहा कि आज इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया बिना जांचे-परखे ‘कंगारू कोर्ट’ चला रहा है।

जजों के खिलाफ कैंपेन

सीजेआई ने नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणियों के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जजों के खिलाफ सोशल मीडिया में कैंपेन चल रहे हैं। जज तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दे सकते लेकिन, इसे उनकी कमजोरी या लाचारी नहीं समझना चाहिए।

कई बार रात भी नींद नहीं आती

सीजेआई रमना ने कहा हर हफ्ते 100 से ज्यादा केस की तैयारी करना आसान नहीं है। निर्णय लिखते समय स्वतंत्र शोध करना जरूरी होता है। अगले दिन की तैयारी न्यायालय के उठने के ठीक बाद शुरू होती है। हम वीकली ऑफ और अदालत की छुट्टियों के दौरान फैसले पर शोध करने का काम करते हैं। कई बार फैसलों पर पुनर्विचार करने के लिए रातों की नींद तक उड़ जाती है।

जजों पर शारिरिक हमलों की संख्या बढ़ी

सीजेआई ने कहा कि अगर हमें एक जीवंत लोकतंत्र की जरूरत है तो हमें न्यायपालिका को मजबूत करने और न्यायाधीशों को सशक्त बनाने की जरूरत है। इन दिनों हम न्यायाधीशों पर शारीरिक हमलों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं, जो चिंताजनक है।

मीडिया चल रहा ‘कंगारू कोर्ट’

सीजेआई ने कहा मैं मीडिया, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से जिम्मेदारी से व्यवहार करने का आग्रह करता हूं। हम जैसे हैं वैसे ही आप एक महत्वपूर्ण हितधारक हैं। मीडिया बिना जांचे-परखे ‘कंगारू कोर्ट’ चला रहा है। कृपया अपनी आवाज की शक्ति का उपयोग लोगों को शिक्षित करने और राष्ट्र को ऊर्जावान बनाने के लिए करें।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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