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PFI पर बैन के MHA ने गिनाए कारण, ISIS से भी जुड़े हैं तार
नई दिल्ली। PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के देशभर में फैले कार्यालयों केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा दो बार छापेमारी कर 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं व नेताओं को दबोचने के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने PFI और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल की पाबंदी लगा दी है।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय (MHA) ने PFI के खूनी खेल व काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त भी जारी की है। इससे साफ पता चलता है कि यह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों में हुई नृशंस हत्याओं में लिप्त रहा है। दरअसल, पीएफआई के तार खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी जुड़े हैं।
रामलिंगम, नंदू, रुद्रेश, पुजारी, नेट्टारू की हत्याओं में हाथ
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पिछले महीनों में देश के विभिन्न राज्यों में हुई हत्याओं में पीएफआई का हाथ रहा है। इनमें केरल में अभिमन्यु की 2018ए संजीथ की नवंबर 2021 में और नंदू की 2021 में हुई हत्याएं, तमिलनाडु में 2019 में रामलिंगम, 2016 में शशि कुमार की हत्या,
कर्नाटक में 2017 में शरथ, 2016 में आर. रुद्रेश, 2016 में ही प्रवीण पुजारी और 2022 में प्रवीण नेट्टारू की नृशंस हत्याओं में इसी संगठन का हाथ रहा है। इन हत्याओं का एकमात्र मकसद देश में शांति भंग करना और लोगों के मन में खौफ पैदा करना था।
इराक, सीरिया व अफगानिस्तान तक गए पीएफआई के सदस्य
अधिसूचना में कहा गया है कि इस संगठन की गतिविधियों के कई सबूत ऐसे मिले हैं, जिनसे पुष्टि होती है कि यह देश में आतंकी कार्यों लिप्त है। संगठन के सदस्य सीरिया, इराक व अफगानिस्तान में जाकर आईएस के आतंकी समूहों में शामिल हुए, कई वहां मारे गए।
कुछ को को विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया। इसके आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के साथ संबंध हैं। यह संगठन देश में हवाला व चंदे के माध्यम से पैसा एकत्रित कर कट्टरपंथ फैला रहा है। युवाओं को बरगला कर उन्हें आतंकवाद में धकेल रहा है।
पीएफआई के इन सहयोगी संगठनों पर भी पाबंदी
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि PFI ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए अपने कई सहयोगी संगठनों की स्थापना की। इसका मकसद अपना प्रभाव बढ़ाना और फंड जुटाना रहा।
जिन संगठनों पर पाबंदी लगाई गई है, उनमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि रिहैब इंडिया PFI के सदस्यों के माध्यम से धन जुटाता है और जबकि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पार इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन और केरल के कुछ सदस्य PFI के भी सदस्य हैं तथा पीएफआई के नेता जूनियर फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गनाइजेशन और नेशनल वीमेन फ्रंट की गतिविधियों की निगरानी और समन्वय करते हैं।
पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, विद्यार्थियों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहुंच को बढ़ाने के इरादे से उक्त सहयोगी संगठनों की स्थापना की है। पीएफआई का संबंध पूर्ववर्ती स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के भी सदस्य रहे थे। सिमी पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
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यूपी, गुजरात, कर्नाटक सरकार ने की पाबंदी की सिफारिश
पीएफआई पर पाबंदी की यूपी, कर्नाटक और गुजरात सरकार ने मांग की थी। इन राज्यों ने केंद्र ने बताया था कि यदि कार्रवाई न हुई तो क्या होगा। केंद्र सरकार का कहना है कि अगर पीएफआई और उसके संगठनों पर कार्रवाई नहीं की गई तो ये अपनी विध्वंसात्मक गतिविधियां जारी रखेंगे। इससे लोक व्यवस्था भंग होती है और राष्ट्र का संवैधानिक ढांचा कमजोर होगा।
एक हफ्ते में दो बार मारे छापे, 300 से ज्यादा गिरफ्तार
बता दें, एनआईए, ईडी और विभिन्न राज्यों की पुलिस ने पीएफआई के खिलाफ बीते एक सप्ताह में देशभर में कई जगह छापे मारकर 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई 22 और 27 सितंबर को की गई थी। 22 सितंबर को छापेमारी में 106 पीएफआई कार्यकर्ता व नेता गिरफ्तार हुए थे, जबकि 27 सितंबर को 247 गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए थे।
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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।
कहां-कितना है एक्यूआई
अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।
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