पंजाब
पंजाब: अंगीठी जलाकर सो गए प्रवासी मजदूर, पांच को मौत ने लिया अपनी आगोश में
चंडीगढ़। पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम के गांव चट्ठा ननहैड़ा में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां अंगीठी जलाकर सो रहे पांच प्रवासी मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई है और एक मजदूर की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे का शिकार सभी मजदूर बिहार के बेगूसराय जिले के बताए जा रहे हैं।
बिहार के रहने वाले ये मजदूर काम करने के बाद रात को कमरे में सो रहे थे। ठंड से बचने के लिए उन्होंने अंगीठी जलाई हुई थी लेकिन धुएं से उनका दम घुटने लगा और 5 मजदूरों की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक रविवार की रात को करीब दस बजे काम निपटाकर शैलर में काम करने वाले सत्यनारायण साधा, करण साधा, सचिन कुमार, राधे साधा, अमंत कुमार और शिवरूद्र, शैलर में ही बने एक ही कमरे में सो गए। सर्दी से बचने के लिए इन्होंने अंगीठी जला ली।
सोमवार सुबह को काम पर नहीं आते देख लेबर ठेकेदार ने मजदूरों को जगाने के लिए कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खोलने पर मालिकों को सूचना दी गई। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया तो सत्यनारायण साधा, करण साधा, सचिन कुमार, राधे साधा और अमंत कुमार मृत अवस्था में पाए गए, जबकि शिवरूद्र की सांस चल रही थी।
शिवरूद्र को तुरंत सुनाम के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। एसएचओ मनप्रीत सिंह ने हादसे की पुष्टि करते कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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