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प्रादेशिक

मिल्खा सिंह की जयंती पर सीएम योगी ने दी उन्हें श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। देश के महान धावक मिल्खा सिंह की आज 92वीं जयंती है। उनका जन्म राठौर राजपूत सिख परिवार में हुआ था। उनकी तेज रफ्तार की वजह से उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से नवाजा गया था। उन्होंने लगभग दो दशकों तक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

एशियाई खेलों में उन्होंने साल 1958 और 1962 देश के लिए स्वर्ण पदक जीते। इसके बाद उन्होंने मेलबर्न में 1965 के ओलंपिक, रोम में 1960 के ओलंपिक और टोक्यो में 1964 के ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत में एथलेटिक्स में मिल्खा सिंह के योगदान ने उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया।

उनकी जयंती पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी ने ट्वीट किया, “अपने अद्भुत प्रदर्शन से वैश्विक पटल पर माँ भारती को अनेक बार गौरवभूषित करने वाले महान धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। उनकी अटूट मेहनत और ध्येय के प्रति प्रतिबद्धता सभी युवा खिलाड़ियों के लिए महान प्रेरणा हैं।”

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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