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उत्तर प्रदेश

जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स, यह सब स्वीकार नहीं: मुख्यमंत्री

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● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए।

महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:-

● हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं।

● ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।

● खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किये जाने चहिये। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए।

● ढाबे/होटलों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।

● खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क/ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

● आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

अब मथुरा के मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की जांच शुरू, खाद्य विभाग ने लिए सैंपल

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मथुरा। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद मथुरा में भी हलचल बढ़ गई है। श्रीकृष्ण (ठाकुर जी) पर चढ़ाए जाने वाले भोग-प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर चिंतित सरकार के निर्देश पर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सोमवार को मथुरा और वृंदावन के धार्मिक स्थलों के पास और अन्य स्थानों पर मिठाई की 15 दुकानों से खाद्य पदार्थों के 43 नमूने एकत्रित किए, और अभियान की शुरुआत की।

जांच के लिए भेजे गए प्रसाद

मथुरा में पेड़े के एक नमूने में मिलावटी सामग्री का शक होने पर उसे विस्तृत जांच के लिए लखनऊ की राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सोमवार को मथुरा और वृंदावन के विभिन्न स्थानों पर सैंपलिंग अभियान के दौरान 15 विक्रेताओं से 43 नमूने एकत्र किए गए। इन नमूनों में दूध से बनी मिठाइयां, पनीर, पेड़ा, बर्फी, मिल्क केक, रसगुल्ला, इमरती, सोनपापड़ी, अन्य मिठाइयां और मसाले शामिल हैं।

सहायक आयुक्त धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि -मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सामने स्थित दुकानों और नए बस स्टैंड के आसपास की दुकानों, साथ ही वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर मार्ग पर विद्यापीठ चौराहे के आसपास की दुकानों से नमूने लिए गए और उन्हें मोबाइल लैब में तत्काल जांचा गया। 42 नमूने मानकों के अनुरूप पाए गए, लेकिन पेड़े का एक नमूना संदिग्ध होने पर उसे लखनऊ स्थित राज्य प्रयोगशाला में भेजा गया

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