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उत्तर प्रदेश

यूपी विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, अतीक-अशरफ को दी श्रद्धांजलि; विपक्ष का हंगामा

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Monsoon session of UP Assembly begins

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र आज सोमवार को शुरु हुआ। विधानमंडल की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष की ओर से किसानों के मुद्दे पर प्रदर्शन किया गया। विधानमंडल के बाहर प्रदर्शन के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए बेल में पहुंच गए। हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना विपक्षी सदस्यों को शांत कराने का प्रयास करते दिखे। विपक्ष की ओर से सदन की कार्यवाही को चलने देने से रोका गया।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच अध्यक्ष सतीश महाना ने साफ तौर पर कहा कि मैं सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं करूंगा। उन्होंने हंगामा कर रहे विपक्ष के विधायकों से सीट पर जाने का अनुरोध किया। स्पीकर ने कहा कि विपक्ष का यह आचरण ठीक नहीं है। विपक्षी सदस्य बेल में पहुंचकर लगातार हंगामा करते रहे।

वहीं, स्पीकर अपनी सीट पर खड़े होकर उन्हें वापस अपनी-अपनी सीट पर जाने का अनुरोध करते रहे। विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि सदन नियमावली से चलेगा। यहां दूसरे प्रदेश के मसले की चर्चा नहीं होगी। दरअसल, विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहा था।

इस पर सतीश महाना ने कहा कि सदन में केवल यूपी के मुद्दे पर चर्चा होगी। मणिपुर, बंगाल और केरल के मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्रवाई में विधानसभा के पूर्व सदस्य अतीक अहमद और उसके भाई दानिश अजीम उर्फ अशरफ को श्रद्धांजलि दी गई।

राजभर का विपक्ष का बड़ा हमला

यूपी विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत के मौके पर सुभासपा विधायक और पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है हंगामा करना। विपक्ष अगर जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहे तो सरकार उसके लिए तैयार है। इस मुद्दे पर किसी को कोई परेशानी नहीं है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही हल्ला करना और चिल्लाना। सरकार अपना काम कर रही है। सरकार की ओर से योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जा रहा है। विपक्ष इस कारण परेशान है कि यह सरकार गरीबों के विकास के लिए, शोषित, पीड़ित, दलित के विकास के लिए काम कर रही है।

इस कारण विपक्ष को अधिक चिंता हो रही है कि वह कुछ कर नहीं सकते हैं। वे केवल हंगामा कर सकते हैं। पिछले दिनों राजभर ने पाला बदलकर विपक्ष से एनडीए की तरफ अपना रुख कर लिया है। अब वे विपक्ष पर हमलावर हो गए हैं।

बीमारू राज्य की श्रेणी से निकला यूपी: सीएम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश और जनता के हित से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार सार्थक चर्चा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़-सूखे की समस्या और समाधान के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार हर जनहित के मुद्दे पर प्रदेश सहित से जुड़े मुद्दे पर चर्चा कराने को हम तैयार हैं। विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले हर मुद्दे का हर स्तर पर जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यूपी में पिछले 6 वर्षों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास की एक नई ऊंचाइयों को छुआ है। इन 6 वर्षों के दौरान प्रदेश के परसेप्शन को बदलने में सफलता मिली है। प्रदेश के नौजवानों और नागरिकों के सामने जो पहचान का संकट खड़ा हुआ था, उस संकट से मुक्त किया गया है। यूपी को देश के प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित करने में हम सफल रहे हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के प्रकोप से जानता प्रभावित हुई है। यह एक गंभीर मुद्दा है। हमारा विपक्ष से अनुरोध है कि प्रदेश में बाढ़ और सुखार की समस्या पर एक सार्थक चर्चा का प्रस्ताव आना चाहिए। सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष की ओर से आने वाले सवाल और सुझावों का स्वागत करेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष चर्चा में सहयोग करें। सदन को सार्थक चर्चा का विषय बनाएं। जनता के मुद्दों पर चर्चा हो। सरकार हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है।

समाजवादी पार्टी सदस्यों का हंगामा

यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले ही हंगामा शुरू हो गया है। सुबह 10 बजे के बाद से ही समाजवादी पार्टी विधायक हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करने लगे। किसानों को उचित मुआवजा की मांग सरकार से की गई। इस दौरान विधायक और समर्थकों की ओर से जोरदार नारेबाजी भी की गई।

विपक्ष की ओर से पहले की गई तैयारी

विपक्ष खासतौर पर समाजवादी पार्टी सरकार को जातिगत जनगणना के अलावा महंगाई, किसान और कानून व्यवस्था के सवाल पर घेरने की तैयारी कर रहा है। दूसरी तरफ, सत्ता पक्ष की ओर से विधानमंडल में पूरे तथ्यों के साथ विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी की गई है। भाजपा और सपा ने अपने अपने विधायकों की बैठक कर सदन में अपनाई जाने वाली रणनीति पर रविवार को विचार किया।

कई विधेयकों को किया जा सकता है पेश

मानसून सत्र में शिक्षा सेवा चयन आयोग संबंधी विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है। इसमें शिक्षकों का चयन एक आयोग किए जाने का प्रावधान है। प्रतिस्थानी विधेयक और सीएजी रिपोर्ट भी सदन में पेश किया जाएगा। मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में भाग लिया।

इसमें उन्होंने तमाम दलों से कहा कि जिस रचनात्मकता के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा को जाना जाता है, सभी को मिलकर उसे समृद्ध करना है। सीएम ने कहा कि सभी सदस्यों को सकारात्मक बहस में भाग लेना चाहिए। वहीं, सत्र की शुरुआत के मौके पर सीएम योगी ने विधानमंडल को सार्थक चर्चा का विषय बनाने की बात कही है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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