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प्रादेशिक

मप्र: रीवा में भीषण दुर्घटना, 15 लोगों की मौत; मरने वाले सभी उप्र के

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रीवा। मप्र के रीवा में सुहागी पहाड़ी (Suhagi Pahari) के पास बीती रात बस आगे खड़ी ट्राली से टकरा गयी। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और 40 लोगों के घायल होने की भी खबर है। रीवा के एसपी नवनीत भसीन से मिली जानकारी के अनुसार हादसे में घायल हुए लोगों में से 20 को उप्र के प्रयागराज के अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया है।

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समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार हैदराबाद से गोरखपुर जा रही थी। बस में सवार सभी लोग उप्र के रहने वाले बताये जा रहे हैं। इस हादसे के बारे में अभी इतनी ही जानकारी मिल पायी है, अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

उप्र के सीएम योगी ने जताया दु:ख, मुआवजे का ऐलान

रीवा में हुए सड़क हादसे पर उप्र के मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ योगी ने गहरा दु:ख जताते हुए मृतकों के स्वजनों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त की है। साथ ही दुर्घटना में घायल हुए लोगों की समुचित उपचार कराये जाने का अनुरोध किया है।

हादसे में मरने वाले लोगों के स्‍वजनों के लिए दो लाख व घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हादसे में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर उप्र पहुंचाने का अनुरोध किया है।

रीवा कलेक्‍टर मनोज पुष्प ने बताया कि घटनास्‍थल पर ऐसा लग रहा है कि ट्रक से ट्रॉली ट्रक का एक्सीडेंट हो गया था और जब चालक ने ब्रेक लगायी तो पीछे से बस ने टक्‍कर मार दी। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन और स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। बचाव कार्य जारी है। घायलों को अस्‍पताल भेज दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग-30 सोहागी पहाड़ पर शुक्रवार रात भीषण बस हादसा हो गया। इसमें 15 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 40 यात्री घायल बताये गए हैं।

स्थानीय लोगों से हादसे की सूचना मिलने के बाद सोहागी पुलिस मौके पर पहुंची और बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। हादसे में गंभीर रूप से घायलों को एंबुलेंस से त्योंथर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

जानें कैसे हुआ हादसा

हादसा सुहागी पहाड़ी पर शुक्रवार रात 11 बजे हुआ। उत्‍तर प्रदेश पासिंग की ये बस मध्‍य प्रदेश के जबलपुर से रीवा होते हुए प्रयागराज की ओर जा रही थी। पहाड़ी के ढाल से उतरते समय बस दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई।

प्रत्‍यक्षदर्शियों का कहना है जब हादसा हुआ उस समय बस की गति काफी तेज थी। इस हादसे में 15 लोगों की जान जाने की सूचना मिली है। जबकि काफी संख्‍या में यात्री घायल बताये जा रहे हैं।

आठ की हालत नाजुक

मिली जानकारी के अनुसार बस में अधिकतर मजदूर थे जो दीपावली मनाने अपने घर जा रहे थे। इस हादसे में प्रशासन अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि कर चुका है।

थाना प्रभारी ओंकार तिवारी ने बताया कि 12 लोगों ने घटनास्‍थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि दो की मौत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्योंथर में हुई जबकि एक व्‍यक्ति की मौत रीवा के संजय गांधी अस्‍पताल में हुई। आठ लोगों की हालत काफी नाजुक बतायी जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।

वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह

महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम

इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।

बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

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