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प्रादेशिक

गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत

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लखनऊ। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी मामले की सजा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। इस दौरान कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। साथ ही सजा के साथ लगाए गए 5 लाख रुपये के फाइन पर भी कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। हालांकि कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी की तरफ से जमानत देने और सजा पर रोक लगाने को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। मुख्तार को मिली सजा के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 20 सितंबर को इस बाबत फैसले को सुरक्षित कर लिया था। बता दें कि इस मामले पर फैसला जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने सुनाया है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट को बताया कि पिछले 12 साल और चार महीने से मुख्तार अंसारी जेल में बंद है। मुख्तार को जितनी सजा सुनाई गई है वह उससे ज्यादा ट्रायल के दौरान भुगत चुके हैं। बता दें कि इसी गैंगस्टर मामले में ही मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि अफजाल पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। इस सजा के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता को खत्म कर दिया गया था।

गाजीपुर जिले के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। 4 साल की सजा दिए जाने के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्या को निरस्त कर दिया गया था। इसी कड़ी में अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी। इसपर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इस मामे में आज यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देने वाली है। बता दें कि अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल को एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में दोषी ठहराते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता को निरस्त कर दिया गया था।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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