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अन्तर्राष्ट्रीय

‘दोस्त’ मुस्लिम देशों ने IMF से नहीं की पाकिस्तान की सिफारिश, तो होगी बड़ी मुश्किल    

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Pakistan and IMF

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इस्लामाबाद। इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान इस वक्त खाड़ी देशों के अपने दोस्तों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) नौवीं समीक्षा को मंजूरी देने से पहले मुस्लिम देशों की तरफ से पुष्टि चाहता है।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर का पैकेज देने के लिए उसकी ‘विश्वसनीयता सुनिश्चित करना’ आईएमएफ की एक प्रमुख शर्त है। अगर मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान की सिफारिश नहीं की तो संकटग्रस्त देश डिफॉल्ट हो सकता है।

पाकिस्तान में अब सभी की नजरें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर की ओर हैं। एक अधिकारी ने पाकिस्तानी अखबार से कहा कि अब देश के पास खाड़ी क्षेत्र से द्विपक्षीय भागीदारों की ओर से सिफारिश का इंतजार करने और दुआ करने का अलावा और कोई रास्ता नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार आईएमएफ को इस शर्त को वार्ता में शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

IMF ने सब कुछ पाकिस्तान पर डाला

इन देशों के प्रतिनिधियों ने सातवीं और आठवीं समीक्षा की मंजूरी से पहले पाकिस्तान को अलग-अलग तरह से वित्तीय सहायता मुहैया कराने का वादा किया था। इनमें अतिरिक्त जमा और निवेश शामिल थे। हालांकि चालू वित्त वर्ष में कई महीने बीत जाने के बावजूद वे अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहे हैं।

सूत्रों ने अखबार को बताया, ‘अब आईएमएफ ने स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर साइन करने की दिशा में आगे बढ़ने से पहले द्विपक्षीय भागीदारों से 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए सब कुछ पाकिस्तान पर डाल दिया है।’

दोस्त बने IMF समझौते में सबसे बड़ा रोड़ा

आईएमएफ ने पाकिस्तान को बताया कि अगर स्टाफ लेवल एग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया जाता है और पाकिस्तान द्विपक्षीय भागीदारों से अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहता है तो उसकी विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है। यह देश को डिफॉल्ट होने की तरफ ढकेल सकता है।

आईएमएफ उन कारणों का पता लगाना चाहता है कि पाकिस्तान के द्विपक्षीय साझेदार अपनी पहले की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के इच्छुक क्यों नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि ऐसे हालात में सऊदी अरब, यूएई और कतर की मंजूरी ही इस्लामाबाद को एक स्टाफ लेवल एग्रीमेंट में मदद कर सकती है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लेबनान में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या

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हिजबुल्लाह के एक टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई है। हमादी की हत्या लेबनान के पश्चिमी बेका क्षेत्र में की गई है। दो वाहनों पर आए बंदूकधारियों ने शेख मोहम्मद हमादी पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने घर के बाहर खड़ा था। इस हमले में हमादी को कई गोलियां लगी थीं।

स्थानीय प्रशासन कर रहा है जांच

घायल हालत में हमादी को तुरंत ही पास के शहर सोहमोर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अज्ञात हमलावर गोलीबारी के बाद फरार हो गए, स्थानीय प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है तो कोई इसे पारिवारिक झगड़े से जोड़कर देख रहा है।

एफबीआई को थी हमादी की तलाश

शेख हमादी की हत्या के बाद लेबनानी सेना इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमलावरों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमादी की हत्या ऐसे समय हुई है जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम चल रहा है। एफबीआई को भी हमादी की तलाश थी। वह 1985 में वेस्ट जर्मन प्लेन को हाइजैक करने के मामले में वॉन्टेड था।

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