प्रादेशिक
मुजफ्फरपुर: घर में लगी भीषण आग, चार सगी बहनों की जिंदा जलकर मौत
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में देर रात भीषण अगलगी में चार सगी बहनों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोग झुलस गए हैं। घटना सदर थाना क्षेत्र के रामदयालु की है। जानकारी के अनुसार, सभी मृतक अनुसूचित जाति की हैं।
यहां सोमवार देर रात तीन घरों में भीषण आग लग गई। घटना के वक्त सभी लोग सो रहे थे। सोमवार देर रात हुई इस घटना से चारों ओर अफरातफरी का माहौल है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि देर रात किसी एक घर में आग लग गई और सोते हुए लोगों को इसकी जानकारी नहीं हुई। देखते ही देखते कुछ ही देर में आग ने रौद्र रूप ले लिया और सुप्तावस्था में 4 नाबालिग बहनों की मौत हो गई। चारों एक ही कमरे में सो रही थी। वहीं, आसपास के कमरों में सो रहे आधा दर्जन से अधिक लोग झुलस गए हैं।
अगलगी में मरनेवालों में नरेश राम की चार बेटियां सोनी (12 वर्ष), शिवानी (आठ वर्ष), अमृता (पांच वर्ष) और रीता (तीन वर्ष) शामिल हैं। नरेश राम दूसरे प्रदेश में रहकर मजदूरी करते हैं। घर में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक छोटा बेटा था। घटना के वक्त महिला अपने दुधमुंहे बेटे के साथ घर के बाहर सो रही थी।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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