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प्रादेशिक

मेरे पिता एक शेर थे और मेरी रगों में भी शेर का खून दौड़ रहा है, जीशान सिद्दीकी ने दुश्मनों को ललकारा

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मुंबई। एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके बेटे जीशान सिद्दीकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बाबा सिद्दीकी को 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके के निर्मल नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के नजदीक गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जीशान सिद्दीकी ने शनिवार को इशारों में उनके पिता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को ललकारा।

जीशान सिद्दीकी ने ट्वीट कर लिखा- उनके पिता एक शेर थे और मेरे रगों में भी शेर का खून दौड़ रहा है। जीशान सिद्दीकी ने आगे लिखा, ”उन्होंने मेरे पिता को चुप करा दिया, लेकिन वो ये भूल गए कि वो एक शेर थे और मैं उनकी दहाड़ को अपने भीतर रखता हूं। उनकी लड़ाई को अपनी रगों में रखता हूं। वो न्याय के लिए खड़े रहे, बदलाव के लिए लड़े और अटूट साहस के साथ तूफानों का सामना किया।”

जीशान सिद्दीकी ने आगे लिखा कि अब जो लोग उन्हें मारकर मुझपर नजरें गड़ाए हुए हैं कि वे जीत गए हैं, मैं उनसे कहता हूं- मेरी रगों में शेर का खून दौड़ता है। मैं अभी भी यहां हूं, निडर और अटूट। उन्होंने मेरे पिता को मार दिया लेकिन मैं उनके स्थान पर खड़ा हो गया। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आज, मैं वहीं खड़ा हूं जहां वो खड़े थे, जीवित, अथक और तैयार।

बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में हुक्रवार को 9 लोग गिरफ्तार

इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में शूटरों को हथियार और रसद सहायता उपलब्ध कराने के आरोप में शुक्रवार को पांच और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके बाद इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या अब नौ हो गई है, जबकि तीन लोग फरार हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि पहल नजर में ऐसा लगता है कि गिरफ्तार किये गये पांचों आरोपी साजिश करने वाले शुभम लोनकर और षडयंत्रकर्ता मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में थे, जो फिलहाल फरार हैं। पुलिस के अनुसार अख्तर के संबंध पहले लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से पाए गए थे और वह बाबा सिद्दीकी की हत्या के कथित षडयंत्रकर्ताओं में से एक है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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