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ऑफ़बीट

एक ऐसा इंसान जिसके थे दो चेहरे, एक जगता तो दूसरा सोता था

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नई दिल्ली। दुनिया में आपने बहुत सी अजीबोगरीब चीजें देखी या सुनी होगी लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं उसपर यकीन कर पाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल होगा।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में इकलौता ऐसा शख्स था जिसके पास दो चेहरे थे। यह इंसान 19वीं सदी में इंग्लैंड में हुआ करता था। इस शख्स का नाम एडवर्ड मोरड्राके था।

कहते हैं कि एडवर्ड का दूसरा चेहरा सक्रिय अवस्था में नहीं था, लेकिन जैसे ही वो सोने की कोशिश करते थे, उनका दूसरा चेहरा जाग जाता था। वह रात भर फुसफुसाता था।

1985 में बोस्टन पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक रात में एडवर्ड अपने दूसरे चेहरे की फुसफुसाहट की वजह से कई दिनों तक सो नहीं पाता था।

कहा जाता है कि उसका दूसरा चेहरा उससे नर्क के बारे में बातें करता था। एडवर्ड ने अपने दूसरे चेहरे से पीछा छुड़ाने की काफी कोशिश की लेकिन उस समय की तकनीक की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका।

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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