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उत्तर प्रदेश

बदल गया प्रतापगढ़ सहित 3 रेलवे स्टेशनों का नाम, जानें अब क्‍या है नई पहचान

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Name of 3 railway stations changed

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लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र के तीन स्टेशनों के नाम बदल बदल दिए हैं। अधिक अक्षर होने के कारण इनके नाम बदलने में परेशानी आ रही थी। सेंटर फार रेलवे इंफारमेशन सिस्टम (Center for Railway Information System- CRIS) ने गुरुवार को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों से संपर्क किया था। मंडल की ओर से गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया, इस बीच शुक्रवार को CRIS ने स्टेशन कोड भी तय कर दिया है।

मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन है नया नाम

प्रतापगढ़ नाम बदलकर अब मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन हो गया है। इसका स्टेशन कोड MBDP होगा। अंतू का नाम बदलकर मां चंद्रिका देवी धाम अंतू हो गया, इस स्टेशन का कोड MCDA हो गया है। विशनाथगंज का नाम शनिदेव धाम विशनाथगंज हो गया है। इस स्टेशन का कोड SBTJ करने का आदेश जारी हो गया है।

अप्रैल में जारी हुआ था आदेश

भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के अनु सचिव उन्नी कृष्णन टी ने 10 अप्रैल को प्रतापगढ़ लोकसभा के स्टेशन अंतू, प्रतापगढ़ जंक्शन और बिशनाथगंज का नाम बदलने के आदेश जारी किए थे।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि तीनों स्टेशनों के नाम बदलने के आदेश रेलवे बोर्ड ने जारी कर दिए हैं। प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने केंद्र से तीन स्टेशनों का नाम बदलने का आग्रह किया था।

इन रेलवे स्टेशनों के भी बदले गए थे नाम

मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया।

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रखा गया।

मुगलसराय तहसील का नाम भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय कर दिया गया था।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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